Private Schools: अब बस्ता और ड्रेस नहीं बेच सकेंगे प्राइवेट स्कूल संचालक, नियम का उल्लंघन किया तो खैर नहीं |

Private Schools: अब बस्ता और ड्रेस नहीं बेच सकेंगे प्राइवेट स्कूल संचालक, नियम का उल्लंघन किया तो खैर नहीं

Collector Kaushalendra Vikram Singh: यानी विद्यालय की स्टेशनरी, यूनिफॉर्म पर स्कूल का नाम प्रिंट कराकर दुकानों से क्रय कराने या एक विशिष्ट दुकान से यूनिफॉर्म और पाठ्य पुस्तकें बेचना पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।

Edited By :   Modified Date:  March 13, 2024 / 09:28 PM IST, Published Date : March 13, 2024/9:28 pm IST

Private Schools: भोपाल कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (Collector Kaushalendra Vikram Singh) ने जिले में संचालित होने वाले सभी निजी स्कूलों के संचालकों के लिए एक आदेश जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि निजी स्कूल संचालक अब छात्र-छात्रों को जबरन बस्ता और ड्रेस नहीं बेच सकेंगे।

इस आदेश में साफ कहा गया है कि स्कूलों को राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। यानी विद्यालय की स्टेशनरी, यूनिफॉर्म पर स्कूल का नाम प्रिंट कराकर दुकानों से क्रय कराने या एक विशिष्ट दुकान से यूनिफॉर्म और पाठ्य पुस्तकें बेचना पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। वहीं, आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, विद्यालय के प्राचार्य और प्रबंधक के विरुद्ध भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।

इस आदेश में उन्होंने कहा है कि भोपाल जिले में संचालित माध्यमिक शिक्षा मण्डल, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अथवा आईसीएसई बोर्ड से सम्बद्ध सभी अशासकीय विद्यालयों के लिए मध्य प्रदेश राजपत्र असाधारण 2 दिसम्बर 2020 स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल में उल्लिखित निर्देशों का पालन किया जाना अनिवार्य होगा।

भोपाल के कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा-144 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग करते हुए जन सामान्य के हित में सभी अशासकीय विद्यालयों में पुस्तकें एवं यूनिफार्म व अन्य सामग्रियों के विक्रय पर अंकुश लगाए जाने के संबंध में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए है। इसके साथ ही संबंधित एसडीएम एवं जिला शिक्षा अधिकारी को इस आदेश का पालन सुनिश्चित कराने के लिए कहा गया है।

read more:  BJP Candidate 2nd List: कल ही दिया इस्तीफा और आज मिल गई टिकट, यहां से लोकसभा प्रत्याशी बनाए गए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर 

पारदर्शिता बरतने के निर्देश

निजी विद्यालयों के लिए यह अनिवार्य है कि वे आगामी शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के पूर्व लेखक एवं प्रकाशक के नाम तथा मूल्य के साथ कक्षावार पुस्तकों की सूची विद्यालय के सूचना पटल पर प्रदर्शित करें। इसके साथ ही निजी स्कूलों के विद्यार्थियों को ऐसी सूची मांगने पर उपलब्ध कराई जानी चाहिए, ताकि विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकगण इन पुस्तकों को अपनी सुविधानुसार खुले बाजार से खरीद सकें।

कलेक्टर ने अपने आदेश में कहा है कि प्रत्येक स्कूल प्रबंधक, प्राचार्य अपने स्कूल में प्रत्येक कक्षा में लगने वाली पाठ्य पुस्तकों और प्रकाशक की जानकारी को वेबसाइट पर अपलोड करने के साथ ही E-Mail ID deobho-mp@nic.in पर अनिवार्यत रूप से भेजें। इसके साथ ही कलेक्टर ने भी साफ कर दिया है कि किसी भी प्रकार की शिक्षण सामग्री पर विद्यालय का नाम अंकित नहीं होना चाहिए।

read more: खाद्यतेलों की कम आपूर्ति से ज्यादातर तेल-तिलहन में सुधार, मूंगफली पूर्वस्तर पर

सूचना पटल पर लिखना भी जरूरी

आदेश में यह भी कहा है कि विद्यालय के सूचना पटल पर यह भी अंकित किया जाए कि किसी दुकान विशेष से सामग्री क्रय करने की बाध्यता नही है। कहीं से भी पुस्तकें / यूनिफार्म और अन्य आवश्यक सामग्री क्रय की जा सकती है। पुस्तकों के अतिरिक्त स्कूल प्रबंधकों की ओर से यूनिफॉर्म, टाई, जूते, कापियां आदि भी स्कूल से उपलब्ध या बेचने की कोशिश नहीं की जाएगी।

कलेक्टर भोपाल के आदेश को लेकर भोपाल में पेरेंट्स ने कलेक्टर के इस फैसले की सराहना की है। उनका कहना है कि यह एक अच्छा फैसला है। इससे प्राइवेट स्कूल की मनमानी पर लगाम लगेगी। इसके साथ ही स्कूल और दुकानदारों के बीच कमीशन खोरी खत्म होगी और सबसे बड़ी बात ये कि पेरेंट्स को राहत मिलेगी। लोगों ने ऐसा फैसला पूरे प्रदेश में लागू करने की मांग की है।

read more: Indore Lok Sabha Election : शंकर लालवानी को फिर मिला टिकट, CAA की घोषणा के बाद तय मानी जा रही थी उम्मीदवारी, देश के एकमात्र हैं सिंधी सांसद