food department took this strict step: भोपाल: अकसर यह देखने या सुनने में आता है कि हॉस्टल संचालक सुविधाओं के नाम पर मोटी फीस तो लेते हैं। लेकिन उतनी सुविधाएं नहीं देते, खास तौर पर भोजन की सुविधा। जिसकी वजह से अकसर छात्रों को खाने की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हॉस्टलों में अक्सर अमानक भोजन..गंदगी और खाद्य सुरक्षा के नियमों को ताक पर रखा जाता है। हॉस्टल संचालक की इस मनमानी के खिलाफ न तो बच्चे आवाज उठा पाते हैं न ही परिजन। लेकिन अब इस मनमानी पर ब्रेक के लिए खाद्य विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है।
food department took this strict step: दरअसल खाद्य सुरक्षा प्रशासन ने केयरिंग अवर फ्यूचर अभियान के तहत सख्त कदम उठाने का खाका तैयार किया है। इसके तहत निजी से लेकर सरकारी हॉस्टलों में परोसे जाने वाले खाने की जांच की जाएगी और भोजन बनाने में उपयोग करने वाली सामग्री के सेंपल तक लिए जाएंगे। यदि खाद्य सुरक्षा नियम के विरुद्ध भोजन की मानकता नहीं मिली तो जेल तक की हवा के साथ लाखों रुपये का जुर्माना भी किया जाएगा।
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food department took this strict step: इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए विभाग के अफसरों ने बताया कि न सिर्फ छापामार कार्रवाई बल्कि खाद्य सुरक्षा के अधिकारों से भी हॉस्टलर्स को अवगत कराया जाएगा। अभियान के तहत हर हॉस्टल में शिकायत के लिए पेटी और नंबर भी जारी किए जा रहे हैं। ताकि शिकायतकर्ता का नाम भी गोपनीय रखा जाए। इसके अलावा उनकी सेहत के लिए क्या खाना जरूरी है यह भी जानकारी अधिकारी मौके पर देंगे। इस अभियान की तेजी के लिए विभाग ने जिला प्रशासन से तमाम सरकारी और निजी हॉस्टलों की सूची भी मांगी है।