भोपाल: Panchayat elections will be postponed मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव टलने के पूरे आसार हैं। शिवराज कैबिनेट में पंचायत राज का संशोधित अध्यादेश वापस लेने का प्रस्ताव पारित हो गया है। इसे सरकार ने राजभवन भेज दिया है। अध्यादेश वापस लेने की अधिसूचना आज शाम को ही जारी हो सकती है। इससे साफ है कि मध्यप्रदेश में चल रहे पंचायत चुनाव को रोकने का फैसला राज्य निर्वाचन आयोग देर शाम या कल ले लेगा, लेकिन इन सबके बीच सियासत का पारा हाई हो चला है।
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Panchayat elections will be postponed पंचायत चुनाव टलने की संभावनाओं के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने दोपहर राज भवन में राज्यपाल से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पंचायत राज का संशोधित अध्यादेश वापस लेने संबंधी चर्चा की, लेकिन इससे पहले मध्य प्रदेश कैबिनेट ने में चुनाव रोके जाने पर सहमति बन गई है। कैबिनेट बैठक में पंचायत मंत्री महेश सिंह सिसोदिया ने पंचायत चुनाव कराए जाने का अध्यादेश वापस लेने का प्रस्ताव पेश किया। कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब राज्यपाल को भेजे गए अध्यादेश को सरकार वापस लेगी। इस अध्यादेश के आधार पर ही पंचायत चुनाव कराए जा रहे थे। इसके वापस हो जाने पर पंचायत चुनाव पर रोक लग जाएगी। हालांकि सरकार के फैसले के बाद चुनाव पर अंतिम फैसला चुनाव आयोग को करना है।
मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर मची खीचतान के बीच सरकार के अध्यादेश वापस लेने के ऐलान के बाद आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। राज्य सरकार के पंचायत चुनाव को निरस्त करने के प्रस्ताव पर कांग्रेस हमलावार हो गई है। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और पी सी शर्मा ने भाजपा सरकार पर पलटवार करते हुए कहा है,कि भाजपा अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए ओमीक्रोन का सहारा लेकर चुनाव को निरस्त करानी चाहती है।
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उधर बीजेपी की ओर से ये दावा किया जा रहा है। बीजेपी हर वर्ग के हितों की रक्षा के लिए संकल्पित है, इसलिए आज बीजेपी की सरकार ने अध्यादेश वापस ले लिया है। वीडी शर्मा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस ओबीसी आरक्षण रुकवाना चाहती थी इसलिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गई। शिवराज सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस हमेशा पिछड़े वर्ग की विरोधी रही है,कभी भी गरीब और पिछड़ा वर्ग के हित को लेकर काम नहीं करती है,कांग्रेस चाहती है कि ओबीसी आरक्षण के बिना ही चुनाव हो जाएं पर सरकार ऐसा नहीं होने देगी।
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मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव अब जिद और प्रतिष्ठा का विषय बन चुका है। भले बीच में रोल सुप्रीम कोर्ट का हो। चुनाव हो या चुनाव कुछ समय के लिए टल जाएं लेकिन मुद्दा अब भी वहीं है। OBC के खिलाफ साजिश और OBC के लिए संकल्पित। अब कौन साजिश कर रहा है और कौन संकल्पित है ये तो चुनाव के बाद आने वाले परिणाम बताएंगे? लेकिन फिलहाल चुनावी मैदान में अभी बहुत खेल बाकी है।