प्रधानमंत्री मोदी का राजनीतिक इतिहास 'हिंदू-मुस्लिम विवाद' पर आधारित: दिग्विजय सिंह |

प्रधानमंत्री मोदी का राजनीतिक इतिहास ‘हिंदू-मुस्लिम विवाद’ पर आधारित: दिग्विजय सिंह

प्रधानमंत्री मोदी का राजनीतिक इतिहास 'हिंदू-मुस्लिम विवाद' पर आधारित: दिग्विजय सिंह

:   Modified Date:  May 5, 2024 / 03:02 PM IST, Published Date : May 5, 2024/3:02 pm IST

(मनीष श्रीवास्तव)

(फाइल फोटो के साथ जारी)

राजगढ़ (मप्र), पांच मई (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राजनीतिक इतिहास ‘‘हिंदू-मुस्लिम विवाद’’ पर आधारित है और उन्हें इस बात को लेकर आत्ममंथन करना चाहिए कि इससे किसे फायदा हो रहा है।

सिंह को कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की राजगढ़ लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है।

उन्होंने कहा कि वह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले से संतुष्ट नहीं हैं।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने राजगढ़ संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले राघोगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में चुनाव प्रचार के दौरान ‘पीटीआई-भाषा’ से बात की।

सिंह ने कहा, ‘‘अगर आप मोदी जी के राजनीतिक इतिहास पर नजर डालें तो यह हिंदू-मुस्लिम विवाद पर आधारित है। बेहतर होगा कि नरेन्द्र मोदी इस बात को लेकर आत्ममंथन करें कि इससे किसे फायदा हो रहा है और इससे किसे नुकसान हो रहा है।’’

राजगढ़ में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में सात मई को मतदान होगा।

सिंह ने ‘‘असल मुद्दों के बजाय जाति और धर्म के आधार पर वोट मांगने के लिए’’ भाजपा पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा, ‘‘असल मुद्दों के आधार पर चुनाव कहां लड़ा जा रहा है?’’

भाजपा ने विरासत कर जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है। उसने कांग्रेस पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का कोटा छीनकर मुसलमानों को देने के साथ-साथ ‘‘धन पुनर्वितरित कर घुसपैठियों को देने’’ की योजना बनाने का आरोप लगाया है।

सिंह ने ‘विकास के गुजरात मॉडल’ पर भी निशाना साधते हुए कहा, ‘‘अगर आप गुजरात के मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) पर नजर डालें, तो आप पाएंगे कि यह देश के शीर्ष 10 (राज्यों) में भी शामिल नहीं है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या वह मानते हैं कि भाजपा की पिछली चुनावी सफलता में ईवीएम की भूमिका थी, सिंह ने कहा, ‘‘कम से कम मैं तो ऐसा मानता हूं।’’

उन्होंने यह भी कहा कि वह ईवीएम पर उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले से संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन वह इस बारे में चुनाव के बाद बात करेंगे।

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में हेरफेर के संदेह को ‘‘बेबुनियाद’’ करार देते हुए उच्चतम न्यायालय ने मतपत्रों से मतदान कराए जाने के निर्देश देने का अनुरोध 26 अप्रैल को खारिज कर दिया था और कहा था कि ‘ईवीएम’ ‘‘सुरक्षित’’ है तथा इसने मतदान केंद्रों पर कब्जा एवं फर्जी मतदान पर विराम लगा दिया।

कांग्रेस नेता ने 2019 के चुनावों की तुलना में लोकसभा चुनाव के पहले दो चरण में कम मतदान होने पर कहा, ‘‘सबसे पहली बात यह है कि लोगों को इस बात पर संदेह है कि क्या उनका वोट ईवीएम में सही जगह दर्ज हो भी रहा है या नहीं। दूसरी बात यह है कि लोगों पर वोट देने को लेकर बहुत दबाव है और इसीलिए उन्हें वोट देने में कोई दिलचस्पी नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि तीसरा कारक लू हो सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस बार चुनाव को लेकर मतदाताओं में उत्साह की भी कमी है।’’

सिंह को पिछली बार भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा की प्रज्ञा सिंह ठाकुर से हार झेलनी पड़ी थी।

इस बार सिंह का मुकाबला मौजूदा भाजपा सांसद रोडमल नागर से है। नागर के पास राजगढ़ सीट 2014 से है।

भाषा

सिम्मी सुरेश

सुरेश

 

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