mahakaal corridor: महाकाल लोक का दूसरा फेज भी लगभग बनकर तैयार, सिंहस्थ तक हो सकता है चालू
mahakaal corridor: महाकाल लोक का दूसरा फेज भी लगभग बनकर तैयार, सिंहस्थ तक हो सकता है चालू, पहले फेज का 11 को होगा लोकार्पण
Mahakal Construction Scam: Lokayukta expressed displeasure, collector and other officials did not reach to record statement
mahakaal corridor: उज्जैन। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में महाकाल धाम का पहला चरण बनकर तैयार हो चुका है। वहीं,अब इसके उद्घाटन के साथ ही दूसरे चरण को भी पूरा करने की तैयारियां शुरू हो चुकी है। माना जा रहा है, कि आगामी सिहस्थ के पहले तक कॉरिडोर का पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा। इस पर करीब 316 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। महाकाल प्रोजेक्ट 750 करोड़ रुपये का है। दूसरा फेज भी 1 साल के अंदर पूरा हो जाएगा। पहले महाकाल परिसर सिर्फ 2 हेक्टेयर का था, अब पूरा कॉरिडोर 47 हेक्टेयर का हो जाएगा। महाकाल कॉरिडोर में देवी-देवताओं की अद्भुत प्रतिमाएं हैं। भगवान शिव के ही 190 रूप हैं। यानी नजारा देवलोक जैसा है। महाकाल लोक का 11 अक्टूबर को उद्घाटन पीएम मोदी द्वारा किया जाएगा।
दूसरे चरण में होगा ये
mahakaal corridor: महाकाल मंदिर विस्तारीकरण प्रोजेक्ट का काम करीब 750 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इसके तहत पहले चरण में महाकाल पथ, रूद्र सागर का सौंदर्यीकरण, विश्राम धाम आदि काम पूरे किए जा चुके हैं। पहले चरण में 9 स्थानों को चिन्हित कर उनका विस्तारीकरण और सौदर्यीकरण किया गया है। दूसरे चरण में महाराजवाड़ा परिसर विकास, रुद्रसागर जीर्णोद्धार, छोटा रूद्र सागर तट, रामघाट का सौंदर्यकरण, पार्किंग एवं पर्यटन सूचना केंद्र, हरी फाटक पुल का चौड़ीकरण, रेलवे अंडरपास, रुद्रसागर पर पैदल पुल, महाकाल द्वार एवं प्राचीन मार्ग बेगम बाग मार्ग का विकास होगा।
आर्कियोलॉजी विभाग की मदद से हो रहा विस्तार
mahakaal corridor: प्रोजेक्ट के दूसरे चरण के साथ ही सौदर्यीकरण के साथ ही मंदिर के प्राचीन महत्व का भी ध्यान रखा गया है। मंदिर के एतिहासिक महत्व को बचाए रखने के लिए आर्कियोलॉजी विभाग की मदद ली जा रही है। ताकि महाकाल मंदिर का स्वरुप स्मार्ट होने के साथ ही प्राचीन भी बना रहे। मंदिर परिसर के आसपास हुई खुदाई में भी कई मंदिर निकलकर सामने आए है। उन्हें सहेजा जाएगा। महाकाल धाम का पहला चरण तैयार होने के बाद ही श्रृद्धालुओं को अपनी और आकर्षित कर रहा है। जो कि पूरी तरह से बनने के बाद मध्यभारत का सबसे बड़ा धार्मिक पर्यटन का क्षेत्र बनकर उभरेगा।

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