जाह्नवी कुकरेजा हत्याकांड की परिस्थितियां आरोपी के दोषी होने की ओर इशारा करती हैं: अदालत |

जाह्नवी कुकरेजा हत्याकांड की परिस्थितियां आरोपी के दोषी होने की ओर इशारा करती हैं: अदालत

जाह्नवी कुकरेजा हत्याकांड की परिस्थितियां आरोपी के दोषी होने की ओर इशारा करती हैं: अदालत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:14 PM IST, Published Date : July 15, 2022/5:17 pm IST

मुंबई, 15 जुलाई (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने पिछले साल नव वर्ष में की गई जाह्नवी कुकरेजा की हत्या के आरोपी श्री जोगधनकर को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा है कि नया साल सपने बुनने का मौका लाता है लेकिन 2021 के नववर्ष ने एक युवक को दलदल में धकेल दिया।

न्यायमूर्ति भारती डांगरे की एकल पीठ ने जोगधनकर को जमानत देने से सात जुलाई को इनकार कर दिया था। इस संबंध में विस्तृत आदेश की प्रति आज मुहैया कराई गई।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन का मामला जिन परिस्थितियों पर आधारित है, वे जोगधनकर (23) को अपराध से जोड़ती हैं और वे ‘‘उसके दोषी होने की ओर प्रथमदृष्टया इशारा करती हैं।’’

कुकरेजा (19) खार में पिछले साल एक रिहायशी इमारत में मृत पाई गई थी। वह एक जनवरी 2021 को वहां पार्टी में शामिल होने गयी थी। पुलिस के अनुसार, कुकरेजा ने जोगधनकर और दीया पडलकर (19) के साथ पार्टी की थी।

पुलिस ने दावा किया था कि कुकरेजा और दोनों आरोपियों के बीच किसी बात को लेकर बहस हुई थी ,जिसके बाद सीढ़ियों पर उनमें लड़ाई हुई और दोनों ने उसकी हत्या कर दी थी। पुलिस ने यह भी दावा किया था कि फॉरेंसिक साक्ष्यों से पता चला है कि जोगधनकर की शर्ट पर कुकरेजा के खून के निशान थे।

अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘नया साल सपने बुनने का अवसर लाता है, लेकिन 2021 के नए साल ने युवक याचिकाकर्ता-श्री जोगधनकर को दलदल में धकेल दिया।’’

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘वह अपनी निकट मित्र जाह्नवी की हत्या का आरोपी है और इस मामले में यह आरोप है कि उसकी एक अन्य निकट मित्र दीया ने उसकी सहायता की।’’

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि ये तीनों (कुकरेजा, जोगधनकर और पडलकर) अपने मित्रों के साथ जश्न मनाकर नव वर्ष की शुरुआत करने वाले थे।

अभियोजन पक्ष के अनुसार मृतक और जोगधनकर के बीच झगड़ा हुआ था और जोगधनकर ने पीड़िता पर नृशंसता से हमला किया और उसे इमारत की दूसरी मंजिल की सीढ़ियों से आठवीं मंजिल की सीढ़ियों तक घसीटा।

अदालत ने कहा कि पुलिस के आरोप पत्र में संकलित सामग्री और आरोपी पर लगाए गए आरोपों के मद्दनेजर जोगधनकर को जमानत पर रिहा करने का कोई औचित्य नहीं बनता।

अदालत ने कहा कि मामले में सभी गवाह मित्र हैं और इसलिए इस बात की पूरी संभावना है कि जोगधनकर सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है और अभियोजन पक्ष के गवाहों पर दबाव बना सकता है।

उसने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता के कुकरेजा के साथ होने, आखिरी बार उन्हें साथ देखे जाने, पीड़िता के शरीर पर चोट के 48 निशान होने और उसके खून से लथपथ मिलने की परिस्थितियां याचिकाकर्ता पर हत्या का आरोप लगाने वाले अभियोजन के मामले को स्थापित करने के लिए पर्याप्त हैं।’’

भाषा सिम्मी देवेंद्र

देवेंद्र

 

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