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पुणे (महाराष्ट्र), 28 मार्च (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत क्षेत्रीय सुरक्षा, स्थिरता को बढ़ावा देने और रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अफ्रीकी देशों के साथ काम करना जारी रखेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत अफ्रीकी साझेदार देशों को उनके सशस्त्र बलों की क्षमता बढ़ाने सहित रक्षा संबंधी सभी मामलों में सहायता प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है। सिंह दूसरे अफ्रीका-भारत संयुक्त अभ्यास ‘एफइंडेक्स’ के इतर आयोजित ‘भारत-अफ्रीका आर्मी चीफ्स कॉन्क्लेव’ के पहले संस्करण को संबोधित कर रहे थे।
सिंह ने कहा, ‘‘हिंद महासागर से जुड़े समुद्री पड़ोसियों के रूप में, समुद्री सुरक्षा और हाइड्रोग्राफी (समुद्र, जलाशयों का सर्वेक्षण) और आतंकवाद तथा उग्रवाद का मुकाबला करने में हमारा सहयोग क्षेत्रीय शांति और समृद्धि के लिए आवश्यक होगा।’’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी राष्ट्र की प्रगति की पूरी क्षमता का तभी लाभ उठाया जा सकता है जब उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। ‘कॉन्क्लेव’ में थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और 31 अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ अन्य सैन्य-असैन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘भारत क्षेत्रीय सुरक्षा, स्थिरता को बढ़ावा देने और रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अफ्रीकी देशों के साथ काम करना जारी रखेगा।’’ उन्होंने कहा कि भारत हाल के वर्षों में एक प्रमुख रक्षा निर्यातक के रूप में उभरा है। सिंह ने कहा कि भारत में एक रक्षा निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र बनाया गया है, जिसमें प्रचुर मात्रा में तकनीकी जनशक्ति का लाभ है।
सिंह ने रक्षा उपकरणों और प्लेटफॉर्म के संदर्भ में क्षमता निर्माण को अपने अफ्रीकी भागीदारों के साथ भारत के सैन्य सहयोग का एक और महत्वपूर्ण पहलू बताया। उन्होंने अफ्रीकी देशों को अपनी सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए भारतीय रक्षा उपकरणों और प्रौद्योगिकियों को जानने के लिए भी आमंत्रित किया। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय रक्षा उद्योग आपकी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए आपके साथ काम कर सकता है।’’
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘अफ्रीकी साझेदार देशों को अपनी रक्षा आवश्यकताओं को स्वदेशी रूप से पूरा करने के लिए सशक्त बनाने के उद्देश्य से, भारत रक्षा निर्माण, अनुसंधान और विकास में अपनी विशेषज्ञता और ज्ञान साझा करने को प्रतिबद्ध है।’’
सिंह ने कहा कि भारत अफ्रीकी देशों के सशस्त्र बलों को प्रशिक्षण देने और उन्हें 21वीं सदी की सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने में सबसे आगे रहा है।
उन्होंने ‘एफइंडेक्स’ को क्षमता विकसित करने और आपसी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अफ्रीकी देशों पर भारत के निरंतर ध्यान का प्रतिबिंब बताया। उन्होंने कहा, ‘‘भारत और अफ्रीकी देशों के बीच संयुक्त अभ्यास सशस्त्र बलों को एक-दूसरे से सीखने और पारस्परिकता को बढ़ावा देने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है।’’
सिंह ने कहा कि भारत और अफ्रीका गरीबी उन्मूलन, सतत विकास हासिल करने, शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने तथा लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के साझा लक्ष्यों को लेकर एकजुट हैं।
भाषा आशीष सुरेश
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