महाराष्ट्र सरकार बाल विवाह रोकने के लिये उठाए गए कदमों की सूची दे : अदालत |

महाराष्ट्र सरकार बाल विवाह रोकने के लिये उठाए गए कदमों की सूची दे : अदालत

महाराष्ट्र सरकार बाल विवाह रोकने के लिये उठाए गए कदमों की सूची दे : अदालत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:48 PM IST, Published Date : April 18, 2022/5:07 pm IST

मुंबई, 18 अप्रैल (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार से एक हलफनामा दाखिल करने को कहा, जिसमें राज्य में बाल विवाह को रोकने के लिए उसके द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से बताया जाए।

न्यायमूर्ति अमजद सैयद और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की खंडपीठ ने कहा कि राज्य में बाल विवाह से संबंधित मामलों में शायद ही कोई प्राथमिकी दर्ज है।

पीठ एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें महाराष्ट्र में बाल विवाह और बाल विवाह निषेध अधिनियम (पीसीए) को लागू न करने से संबंधित मुद्दों को उठाया गया था।

यह अधिनियम 21 वर्ष से कम आयु के लड़के और 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की के विवाह पर रोक लगाता है।

अदालत ने कहा, “याचिका के अनुसार, अधिनियम के तहत बनाए जाने वाले नियम अब भी लंबित हैं। राज्य सरकार अपना हलफनामा दाखिल करेगी। हलफनामे में सरकार बताएगी कि उसने इस मुद्दे पर क्या कदम उठाए हैं।”

न्यायमूर्ति सैयद ने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि (अधिनियम के तहत) शायद ही कोई मामला दर्ज किया गया हो।”

अदालत इस याचिका पर 13 जून को आगे सुनवाई करेगी।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता आसिम सरोदे और अजिंक्य उडाने ने अदालत के समक्ष दावा किया कि राज्य भर में प्रति वर्ष लगभग एक लाख बाल विवाह होते हैं।

याचिका में बाल विवाह निषेध अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कुछ कदमों का सुझाव दिया गया है।

भाषा

प्रशांत मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers