मराठा समुदाय को आरक्षण के झूठे वादों पर भरोसा नहीं करना चाहिए: राज ठाकरे |

मराठा समुदाय को आरक्षण के झूठे वादों पर भरोसा नहीं करना चाहिए: राज ठाकरे

मराठा समुदाय को आरक्षण के झूठे वादों पर भरोसा नहीं करना चाहिए: राज ठाकरे

:   Modified Date:  March 9, 2024 / 04:39 PM IST, Published Date : March 9, 2024/4:39 pm IST

नासिक, नौ मार्च (भाषा) महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार को कहा कि उन्होंने आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे को बोला था कि मराठा समुदाय के लिए आरक्षण तकनीकी रूप से संभव नहीं होगा और समुदाय को झूठे वादों के झांसे में नहीं आना चाहिए।

पार्टी के 18वें स्थापना दिवस के मौके पर नासिक में आयोजित एक कार्यक्रम में ठाकरे ने कहा कि अगर एक समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण मिलता है तो सभी समुदाय भी ऐसी ही मांग करेंगे।

ठाकरे ने कहा, ‘‘जब मैं जरांगे से मिला तो मैंने उनसे कहा था कि मराठा समुदाय को आरक्षण देना तकनीकी रूप से संभव नहीं होगा। इसके लिए लोकसभा की मंजूरी जरूरी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ यह मुद्दा केवल मराठों का नहीं है, बल्कि हर राज्य के समुदायों का है। अगर एक समुदाय को आरक्षण मिलेगा तो सभी समुदाय इसी तरह की मांग करेंगे। मैं मराठा भाइयों से अनुरोध करता हूं कि वे झूठे वादों के झांसे में न आएं।’’

मनसे प्रमुख ने कहा कि पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीति बाद में तय करेगी और वह नौ अप्रैल को पार्टी की गुड़ी पड़वा बैठक के दौरान इस बारे में ज्यादा जानकारी साझा करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘ नरेन्द्र मोदी को सफलता रातोरात नहीं मिली। जनसंघ की स्थापना 1952 में हुई और 1980 में यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बन गई। अटल जी (पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी)जी की पहली सरकार भी सिर्फ 13 दिन चली, उसके बाद 13 माह और फिर साढ़े चार साल तक उन्होंने सत्ता संभाली। बाद में कांग्रेस ने 10 साल तक शासन किया और अब भाजपा 10 साल से सत्ता में है। ’’

ठाकरे ने कहा, ‘‘ अपने स्पष्ट, ईमानदार रुख से हमें भी सफलता अवश्य मिलेगी, लेकिन धैर्य रखना होगा।’’

ठाकरे ने अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक के निर्माण को लेकर भी बात की।

उन्होंने संरचनाओं के जीर्णोद्धार का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘ यह मुद्दा कांग्रेस सरकार के समय से ही लंबित है। भूमिपूजन के लिए प्रधानमंत्री मोदी भी आए, लेकिन परियोजना पर काम पूरा नहीं हो सका है। उस समय भी मैंने कहा था कि यह असंभव है क्योंकि समुद्र में एक मूर्ति स्थापित करने में 25 से 30 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। शिवाजी महाराज के असली स्मारक उनके बनाये किले हैं।’’

भाषा खारी धीरज

धीरज

 

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