मुंबई, 29 मार्च (भाषा) मुंबई की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने गैंगस्टर और मादक पदार्थ तस्कर इकबाल मिर्ची से जुड़े धनशोधन मामले में रियल एस्टेट एजेंट रंजीत बिंद्रा की आरोपमुक्त करने संबंधी अर्जी खारिज कर दी है।
अदालत ने कहा कि ‘‘अपराध से अर्जित आय को छिपाने में बिंद्रा की सक्रिय भागीदारी’’ थी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुसार बिंद्रा ने ‘सनब्लिंक रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड’ की ओर से मिर्ची के साथ मिलकर संपत्ति सौदे को अंतिम रूप दिया और 30 करोड़ रुपये की दलाली प्राप्त की। बिंद्रा ने इन तीन संपत्तियों से जुड़े सौदों में ‘‘महत्वपूर्ण भूमिका’’ निभाई।
इकबाल मिर्ची की 2013 में लंदन में 63 वर्ष की आयु में मौत हो गई थी।
विशेष पीएमएलए (धन-शोधन निवारण कानून) न्यायाधीश एम. जी. देशपांडे ने बृहस्पतिवार को बिंद्रा की आरोपमुक्त करने संबंधी अर्जी को खारिज कर दिया। अदालत ने इस बात पर गौर किया कि आरोपी को उन संपत्तियों के बारे में ठोस जानकारी थी जिनके बारे में बात की गई थी और हुमायूं मर्चेंट (एक सह-अभियुक्त) और अन्य सहयोगियों के माध्यम से किस प्रकार इकबाल मिर्ची ने उन संपत्तियों को हासिल किया था।
अदालत ने कहा कि आवेदक (बिंद्रा) आरोपमुक्त होने का हकदार नहीं है और उसके खिलाफ आरोप तय करने होंगे और उसके मुताबिक मुकदमा चलाना होगा।
बिंद्रा ने अपनी अर्जी में कहा कि उन्होंने लेन-देन में शामिल अन्य पेशेवरों की तरह केवल एक दलाल के रूप में काम किया, लेकिन उन्हें आरोपी बता दिया गया। उन्होंने दावा किया कि धनशोधन के अपराध में उनकी कोई संलिप्तता नहीं है।
ईडी ने अर्जी का विरोध किया और दलील दी कि जांच जारी रहने के दौरान बिंद्रा को समय से पहले आरोपमुक्त करना किसी नतीजे पर पहुंचने जैसा होगा।
मिर्ची के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और स्वापक औषधि तथा मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस) के तहत दर्ज कई प्राथमिकी के आधार पर, ईडी ने उसके और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
भाषा
देवेंद्र अविनाश
अविनाश
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