किसी एक शैली के अभिनय में नहीं बंधने की वजह से अलग पहचान बनी: पवन मल्होत्रा |

किसी एक शैली के अभिनय में नहीं बंधने की वजह से अलग पहचान बनी: पवन मल्होत्रा

किसी एक शैली के अभिनय में नहीं बंधने की वजह से अलग पहचान बनी: पवन मल्होत्रा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:55 PM IST, Published Date : October 14, 2021/4:08 pm IST

मुंबई, 14 अक्टूबर (भाषा) जानेमाने अदाकार पवन मल्होत्रा ने कहा कि उन्हें किसी एक शैली विशेष के अभिनय में बंधना कभी सही नहीं लगा और यही वजह है कि मनोरंजन जगत में उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

‘ब्लैक फ्राइडे’, ‘चिल्ड्रन ऑफ वॉर’, ‘जब वी मेट’ और ‘भाग मिल्खा भाग’ जैसी फिल्मों में अपनी अलग-अलग भूमिकाओं का उदाहरण देते हुए मल्होत्रा ने कहा कि वह पर्दे पर अलग-अलग लोगों के जीवन को उतारना पसंद करते हैं।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं अच्छी और अलग-अलग कहानियों का हिस्सा बनना चाहता हूं। यह एक कला है और अभिनेता का काम अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता वाला व्यक्ति बनना है। मैं केवल किसी और की तरह दिखने की कोशिश करता हूं लेकिन मैं उसके जैसा दिखने के लिए कड़ी मेहनत करता हूं।’’

भारतीय अभिनय जगत के मंजे हुए कलाकारों में गिने जाने वाले मल्होत्रा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से कला विषयों में स्नातक की पढ़ाई के बाद रिचर्ड एटनबरो की मशहूर फिल्म ‘गांधी’ के परिधान विभाग में सहायक के रूप में काम करना शुरू कर दिया।

इसके बाद उन्होंने ‘जाने भी दो यारो’, ‘खामोश’ और ‘मोहन जोशी हाजिर हो’ के लिए प्रोडक्शन सहायक की भूमिका अदा की। वह ‘ये जो है जिंदगी’ में सहायक निर्देश रहे और अभिनेता के रूप में पदार्पण 1984 में बनी फिल्म ‘अब आएगा मजा’ से किया।

भाषा वैभव मनीषा

मनीषा

 

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