शिवसेना ने भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल के बयान को लेकर उनकी आलोचना की |

शिवसेना ने भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल के बयान को लेकर उनकी आलोचना की

शिवसेना ने भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल के बयान को लेकर उनकी आलोचना की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:43 PM IST, Published Date : April 6, 2022/3:50 pm IST

मुंबई, छह अप्रैल (भाषा) शिवसेना ने बुधवार को भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल के इस बयान को लेकर उनपर निशाना साधा कि वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कोल्हापुर में आगामी विधानसभा उपचुनाव में मतदाताओं को रिश्वत देने के लिए धन के कथित हस्तांतरण की जांच का अनुरोध करेंगे।

पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में, शिवसेना ने सवाल किया कि ईडी उन राज्यों के मतदाताओं से पूछताछ क्यों नहीं करती,जहां हालिया विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली है।

शिवसेना ने ईडी और भाजपा को गोवा की दो विधानसभा सीटों पणजी तथा सांकेलियम सीटों से जांच शुरू करने की चुनौती दी। पणजी से भाजपा उम्मीदवार अतानासियो मोंसेराते, जबकि सांकेलियम से मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने जीत हासिल की थी।

संपादकीय में कहा गया है, ”ईडी से मतदाताओं की जांच कराने की चंद्रकांत पाटिल की योजना अच्छी है। अगर ‘हर हर मोदी, घर घर मोदी’ के नारे को ‘हर हर ईडी, घर घर ईडी’ के साथ जोड़ दिया जाए, तो लोग विद्रोह कर देंगे।”

कोल्हापुर उत्तर विधानसभा सीट पर उपचुनाव 12 अप्रैल को होना है। पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस विधायक चंद्रकांत जाधव के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी। भाजपा ने उपचुनाव में सत्यजीत कदम को उम्मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस ने जाधव की पत्नी जयश्री को टिकट दिया है।

पाटिल ने रविवार को कहा था कि वह कोल्हापुर उत्तर के मतदाताओं के खातों में कथित रूप से धन हस्तांरित किये जाने के मामले की जांच के लिये प्रवर्तन निदेशालय को पत्र लिखेंगे।

गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को शिवसेना सांसद एवं ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक संजय राउत कर संपत्ति कुर्क की थी। इससे पहले भी निदेशालय राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन महाविकास आघाडी (एमवीए) के घटक दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दो नेताओं नवाब मलिक और अनिल देशमुख के खिलाफ कार्रवाई कर चुका है।

शिवसेना का मानना है कि प्रवर्तन निदेशालय एमवीए के नेताओं को निशाना बना रहा है। एमवीए में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस शामिल है।

भाषा जोहेब सुभाष

सुभाष

 

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