नोटिस जारी किये बगैर वानखेड़े को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा : महाराष्ट्र पुलिस |

नोटिस जारी किये बगैर वानखेड़े को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा : महाराष्ट्र पुलिस

नोटिस जारी किये बगैर वानखेड़े को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा : महाराष्ट्र पुलिस

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:24 PM IST, Published Date : October 28, 2021/6:53 pm IST

मुंबई, 28 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र पुलिस ने बंबई उच्च न्यायालय में बृहस्पतिवार को कहा कि वह स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े को वसूली एवं भ्रष्टाचार के आरोपों के सिलसिले में तीन कार्य दिवस का नोटिस दिये बगैर गिरफ्तार नहीं करेगी।

वानखेड़े ने भी बृहस्पतिवार को बंबई उच्च न्यायालय का रुख कर गिरफ्तारी से या अपने खिलाफ किसी कठोर कार्रवाई से अंतरिम संरक्षण की मांग की।

उन्होंने अपने खिलाफ वसूली और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए चार सदस्यीय एक टीम गठित करने के मुंबई पुलिस के फैसले को चुनौती देने वाली अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया। इस महीने की शुरूआत में मुंबई तट पर एक क्रूज जहाज से मादक पदार्थ बरामदगी मामले में अभिनेता शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद यह घटनाक्रम हुआ।

उनके वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता अतुल नंदा ने गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा का अनुरोध करते हुए न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति एस वी कोतवाल की पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया।

वकील ने कहा कि वानखेड़े एनसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी हैं, न कि ‘ड्रग पेडलर’।

याचिका में पुलिस को उन्हें गिरफ्तार नहीं करने के निर्देश के अलावा, उनके खिलाफ आरोपों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो या राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण जैसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा किये जाने का अनुरोध किया गया है।

वानखेड़े ने अपने खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम गठित करने के मुंबई पुलिस के फैसले को भी चुनौती दी।

याचिका में दावा किया गया है, ‘‘महाराष्ट्र राज्य में सत्ताधारी शासन/सरकार के सदस्यों, जिसमें एक मौजूदा मंत्री भी शामिल हैं, ने याचिकाकर्ता के खिलाफ तीखा हमला किया है… उन्होंने पहले ही टेलीविज़न साक्षात्कार, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से एक निर्णय सुनाया है कि याचिकाकर्ता भ्रष्टाचार के अपराधों का दोषी है।’’

इसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता और राज्य के मंत्री नवाब मलिक का नाम लिया गया है।

याचिका में कहा गया है कि मलिक ने टीवी साक्षात्कारों में वानखेड़े के खिलाफ आर्यन खान मामले की जांच के संबंध में आरोप लगाए, दावा किया कि क्रूज जहाज पर छापेमारी फर्जी थी, कथित तौर पर जबरन वसूली की गई और अधिकारी की ईमानदारी पर सवाल उठाया गया।

पुलिस की ओर से पेश हुई मुख्य लोक अभियोजक अरुणा पाई ने गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण के अनुरोध का विरोध करते हुए कहा कि क्योंकि जांच अभी शुरू हुई थी और अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।

उच्च न्यायालय ने पूछा कि क्या पुलिस यह बताने को तैयार है कि वे एनसीबी अधिकारी को गिरफ्तार नहीं करेंगे।

पाई ने कहा, ‘‘हम अदालत को आश्वस्त करते हैं कि मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तारी से पहले (वानखेड़े को) तीन कार्य दिवस का नोटिस जारी किया जाएगा।’’

पीठ ने बयान को स्वीकार करते हुए याचिका का निस्तारण कर दिया।

भाषा

देवेंद्र माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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