नई दिल्ली, पांच फरवरी (भाषा) । निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल ने कहा है कि वह प्रतिद्वंद्वियों का मुकाबला करने के लिए स्मार्टफोन पर सब्सिडी देने के पक्ष में नहीं है।
कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) गोपाल विट्टल ने कहा कि उपकरण सब्सिडी का खेल मूल्य को ‘नष्ट’ करने वाला है, विशेषरूप से बाजार के निचले स्तर पर। उन्होंने कहा कि प्रतिद्वंद्वी कंपनियों की स्मार्टफोन पर उपकरण सब्सिडी की रणनीति का मुकाबला करने के लिए एयरटेल दूसरे उत्तोलकों (तरीकों) का सहारा लेगी, जिससे वह मूल्य की दृष्टि से आकर्षक और बाजार में प्रतिस्पर्धी बनी रहे।
कंपनी के तीसरी तिमाही के नतीजों की घोषणा के बाद निवेशक कॉल में विट्टल ने कहा, ‘‘जहां तक स्मार्टफोन पर उपकरण सब्सिडी का सवाल है, हम इस पर तब तक टिप्पणी नहीं कर सकते हैं जब तक यह न समझ लें कि यह किसलिए है। लेकिन इसका मुकाबला करने के लिए हम अलग तरीके अपनाएंगे। हमारे पास इससे निपटने की पूरी योजना है। हम ‘स्मार्ट’ तरीके से इससे निपटेंगे। इससे हम मूल्य की दृष्टि से आकर्षक बने रहेंगे। साथ ही बाजार में प्रतिस्पर्धी भी बने रहेंगे।’’
भारती एयरटेल ने कहा है कि वह बंद स्थान (इंडोर) और ग्रामीण इलाकों में कवरेज बढ़ाने के लिए गीगाहर्ट्ज से कम के स्पेक्ट्रम में ‘पूर्ण पैठ’ जमाने की इच्छुक है।
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विट्टल ने कहा कि एयरटेल महत्तम स्पेक्ट्रम रणनीति पर आगे बढ़ रही है जो नवीकरण और क्षमता जरूरत के बीच संतुलन बैठाती है।
भारती एयरटैल ने हाल में घोषणा की है कि उसका नेटवर्क 5जी के लिए तैयार है। कंपनी ने कहा है कि पांचवीं पीढ़ी की मोबाइल सेवा के बाद उसे अपनी पूजीगत व्यय पृष्ठभूमि में विशेष बदलाव की उम्मीद नहीं है।
विट्टल ने कहा, ‘‘हम यह नहीं मानते कि 5जी आने के बाद हमारे निवेश ‘प्रोफाइल’ में विशेष बदलाव आएगा। जब आप 5जी में निवेश करेंगे, तो 4जी में निवेश रोक देंगे, क्योंकि क्षमता का निर्माण 5जी में करना होगा। आपके पास इन बैंड में अधिक स्पेक्ट्रम होगा। इससे अंतत: एक गीगाबाइट उत्पादन की लागत घटेगी।’’
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कंपनी की स्पेक्ट्रम रणनीति और स्पेक्ट्रम नवीकरण योजना के बारे में पूछे जाने पर विट्टल ने कहा कि भारती एयरटेल गीगार्ट्ज से कम के स्पेक्ट्रम में पूरी पैठ चाहती है। इससे कंपनी बंद स्थानों के साथ ग्रामीण क्षेत्रो में अपना दायरा बढ़ा सकेगी।
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