मुंबई, 29 जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे और उनकी पूर्व प्रेमिका ने बंबई उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उन्होंने एक मध्यस्थ के जरिए आपसी विवाद सुलझाने का फैसला किया है।
मुंडे ने दिसंबर में उच्च न्यायालय में मानहानि का एक मुकदमा दर्ज करके अनुरोध किया था कि महिला को उसके सोशल मीडिया खातों पर उनकी निजी तस्वीरें एवं वीडियो पोस्ट करने से रोकने का आदेश दिया जाए।
यह महिला मुंडे के दो बच्चों की मां भी है।
मुंडे ने अपने मुकदमे में दावा किया कि महिला ने इस प्रकार की कई तस्वीरें अपलोड की हैं।
अदालत ने 16 दिसंबर को दिए अंतरिम आदेश में महिला को निर्देश दिया था कि वह आगामी आदेश आने तक मुंडे की कोई निजी तस्वीर या वीडियो अपने सोशल मीडिया खातों पर अपलोड नहीं करे।
जब यह मामला बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति ए के मेनन की एकल पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया, तो मंत्री और महिला के वकीलों ने अदालत को बताया कि दोनों ने मध्यस्थ के जरिए अदालत के बाहर आपसी विवाद सुलझाने का फैसला किया है।
दोनों पक्षों ने मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वी के ताहिलरमानी को मध्यस्थ बनाए जाने पर सहमत होते हुए अपनी सहमति की शर्तें पेश कीं।
न्यायमूर्ति मेनन ने इन्हें स्वीकार कर लिया और मध्यस्थ से एक प्रारंभिक बैठक तय करने का अनुरोध किया।
इस महीने की शुरुआत में महिला की बहन ने मुंडे के खिलाफ बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन उसने बाद में अपनी शिकायत वापस ले ली थी।
भाषा सिम्मी नरेश
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