नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) भारत के लिये 1951 एशियाई खेलों के मैराथन कांस्य पदक जीतने वाले और 1952 के ओलंपिक में भाग लेने वाले सूरत सिंह माथुर का यहां कोविड-19 महामारी के चपेट में आने से निधन हो गया।
वह 90 साल के थे।
उनके भतीजे अनिल माथुर ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘मेरे चाचा का शुक्रवार को कोविड-19 के कारण निधन हो गया। वह एक ओलंपियन थे और पहले एशियाई खेलों के पदक विजेता भी थे।’’
भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने ट्वीट किया, ‘‘ वह हमारे ‘हॉल ऑफ फेम’ एथलीट रहे हैं। आपकी आत्मा को शांति मिले। भारत को गौरवान्वित करने के लिए धन्यवाद।’’
माथुर 1952 के हेलसिंकी खेलों में ओलंपिक मैराथन दौड़ पूरी करने वाले स्वतंत्र भारत के पहले एथलीट थे।
छोटा सिंह हालांकि 1948 के लंदन खेलों में ओलंपिक मैराथन स्पर्धा में भाग लेने वाले स्वतंत्र भारत के पहले धावक थे, लेकिन वे दौड़ पूरी नहीं कर सके थे।
माथुर (1952) तब 22 साल के थे और उन्होंने दो घंटे 58 मिनट 9.2 सेकेंड में मैराथन पूरी की थी। वह 52वें स्थान पर रहे थे।
दिल्ली में 1951 में पहले एशियाई खेलों में, छोटा सिंह ने स्वर्ण पदक जीता था जबकि माथुर ने कांस्य पदक हासिल किया था।
एशियाई खेलों (1951) के कांस्य के अलावा, माथुर ने पर अपने छोटे करियर के दौरान राष्ट्रीय चैंपियनशिप में दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य जीता था।
खेल से संन्यास के बाद माथुर उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के माजरी कराला गांव में रहते थे।
भाषा आनन्द मोना
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