भाजपा नेता एवं गुजरात से सांसद मनसुख वसावा ने पार्टी छोड़ी | BJP leader and MP from Gujarat Mansukh Vasava quits party

भाजपा नेता एवं गुजरात से सांसद मनसुख वसावा ने पार्टी छोड़ी

भाजपा नेता एवं गुजरात से सांसद मनसुख वसावा ने पार्टी छोड़ी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:55 PM IST, Published Date : December 29, 2020/1:44 pm IST

भरूच, 29 दिसंबर (भाषा) जनजातीय मामलों पर मुखर रहने वाले गुजरात से सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मनसुख वसावा ने मंगलवार को भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और कहा कि वह संसद के बजट सत्र के बाद लोकसभा के सदस्य के तौर पर भी इस्तीफा दे देंगे।

अपने त्यागपत्र में वसावा (63) ने पार्टी छोड़ने का कोई विशिष्ट कारण नहीं बताया है लेकिन सूत्रों का कहना है कि 2016 में केंद्रीय मंत्रिपद से हटाये जाने के बाद वह भाजपा की नीतियों के आलोचक रहे हैं।

भरूच से छह बार सांसद रहे वसावा ने गुजरात भाजपा अध्यक्ष आर सी पाटिल को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मैं इस्तीफा दे रहा हूं, ताकि मेरी गलतियों के कारण पार्टी की छवि खराब न हो। मैं पार्टी का वफादार कार्यकर्ता रहा हूं, इसलिए कृपया मुझे माफ कर दीजिए।’’

वसावा ने 28 दिसंबर को पाटिल को लिखे पत्र में कहा कि वह संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद भरूच से सांसद के तौर पर इस्तीफा दे देंगे।

वसावा ने कहा कि उन्होंने पार्टी का वफादार बने रहने और पार्टी के मूल्यों को अपने जीवन में आत्मसात करने की पूरी कोशिश की लेकिन वह इंसान है और गलतियां उससे हो सकती हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अंतत: एक मनुष्य हूं और मनुष्य गलतियां कर देता है। पार्टी को मेरी गलतियों के कारण नुकसान नहीं हो, यह सुनिश्चित करने के लिए मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं और पार्टी से माफी मांगता हूं।’’

पत्र में वसावा ने भाजपा और उसके केंद्रीय नेतृत्व को उन्हें ‘कई चीजें’ देने के लिए धन्यवाद दिया और पाटिल से पार्टी नेतृत्व को उनके निर्णय से अवगत कराने का आह्वान किया।

पाटिल ने कहा कि वसावा एक संवेदनशील व्यक्ति हैं जो अपने लोगों के लिए संघर्ष करता है। उन्होंने विश्वास प्रकट किया कि वह पार्टी छोड़ने की अपनी योजना बदल लेंगे।

पाटिल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे भेजे अपने पत्र में वसावा ने बस इतना कहा है कि वह बजट सत्र में सांसद के तौर पर इस्तीफा दे देंगे। वह कुछ मुद्दों को लेकर नाखुश हैं और मैंने आज सुबह मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के साथ उन मुद्दों पर चर्चा की।’’

उन्होंने कहा कि वसावा खासकर उनके निर्वाचन क्षेत्र में पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र की घोषणा से नाखुश हैं।

वसावा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले सप्ताह पत्र लिखकर मांग की थी कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की नर्मदा जिले के 121 गांवों को पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र घोषित करने संबंधी अधिसूचना वापस ली जाए।

पाटिल ने कहा, ‘‘ मुख्य मुद्दा पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र का है जिन्हें केंद्र ने भूखंड के कुछ हिस्सों पर घोषित किया है। ऐसा जान पड़ता है कि जिलाधिकारी द्वारा कुछ जमीनों के बारे में कुछ प्रविष्टियां कीं तब से कुछ लेाग इस मुद्दे पर स्थानीय लोगों को गुमराह कर रहे हैं ।’’

सघन अतिक्रमण विरोधी अभियान को लेकर नाराज वसावा ने पिछले साल नौकरशाही पर यह कहते हुए अपनी नाराजगी उतारी थी कि वातानुकूलित घरों में रहने वाले इन लोगों को गरीबों का दर्द मालूम नहीं है।

भाषा राजकुमार माधव

माधव

 

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