भोपाल, नौ फरवरी (भाषा) वर्ष 1984 में हुई विश्व कि भीषणतम औद्योगिक त्रासदी भोपाल गैस कांड के मृतकों की स्मृति में इस वर्ष के अंत तक एक स्मारक और अनुसंधान केन्द्र का निर्माण शुरू होगा। इससे पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी मिलेगा।
भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग के मंत्री विश्वास सारंग ने मंगलवार को बताया कि यह स्मारक गैस कांड के रिसाव के स्थल पर भोपाल में बनाया जाएगा। यह त्रासदी 1984 में 2-3 दिसंबर की मध्य रात्रि में हुई थी और इसमें हजारों लोग मारे गये। इस त्रासदी को दुनिया की सबसे भीषण औद्योगिक आपदा के रूप में जाना जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘ यह न केवल इस आपदा में मारे गए लोगों के लिए एक श्रद्धांजलि होगी बल्कि इसके जरिये दुनिया को यह संदेश भी दिया जायेगा कि हमें औद्योगीकरण के कारण अपना पर्यावरण खराब नहीं करना चाहिए।’’
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि स्मारक और अनुसंधान केंद्र के लिये इस साल की अंत तक काम शुरू होने की संभावना है।
सारंग ने कहा कि यह शोध केंद्र गैस पीड़ितों के सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ-साथ प्रदूषण और पर्यावरण संरक्षण पर काम करेगा।
सारंग ने यह भी कहा कि यूनियन कार्बाइड कारखाने में पड़े खतरनाक कचरे को हटाने का काम जल्द शुरू होगा।
केंद्र सरकार ने मार्च 2017 में लोकसभा में बताया था कि कारखाना परिसर में 336 टन खतरनाक कचरा पड़ा हुआ है।
भाषा दिमो धीरज
धीरज
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