एनसीआर में गंभीर प्रदूषण के दौरान ईंट भट्टे चलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती : एनजीटी | Brick kilns cannot be allowed to run during severe pollution in NCR: NGT

एनसीआर में गंभीर प्रदूषण के दौरान ईंट भट्टे चलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती : एनजीटी

एनसीआर में गंभीर प्रदूषण के दौरान ईंट भट्टे चलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती : एनजीटी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:22 PM IST, Published Date : February 18, 2021/10:10 am IST

नयी दिल्ली, 18 फरवरी (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ईंट बनाने की बेहतर ‘जिग-जैग’ प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किए जाने के बावजूद गंभीर प्रदूषण की स्थिति में कोयले का इस्तेमाल करने वाले ईंट भट्टों को चलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

अधिकरण ने कहा कि जब तक ईंट भट्टों को चलाने के लिए स्वच्छ ऊर्जा (पीएनजी) का इस्तेमाल नहीं होता तब तक एनसीआर में निर्धारित संख्या से अधिक ईंट भट्टों को चलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

एनजीटी अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘ जो ईंट भट्टे पीएनजी का इस्तेमाल करेंगे वे मार्च और जून के बाद भी और निर्धारित संख्या के अधिक होने पर परिचालन की अर्हता रखेंगे। हालांकि, यह विषय कानून के अनुपालन पर निर्भर करेगा।’’

अधिकरण ने कहा कि ईंट भट्टों के लिए 500 मीटर की दूरी संबंधी नियम का अनुपालन करना होगा।

एनजीटी ईंट भट्टों के मालिकों की याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें उन्होंने ‘जिग-जैग’ प्रौद्योगिकी से चलने वाले भट्टों को वायु प्रदूषण स्तर सामान्य होने तक चलाने की अनुमति का अनुरोध किया था।

‘जिग-जैग’ प्रौद्योगिकी में ईंट-भट्टों में गर्म हवा घुमावदार रास्ते से गुजरती है जिससे हवा एवं ईंधन का अच्छे से मिश्रण होता है और पूरी तरह से दहन होता है जिससे कोयले की खपत 20 प्रतिशत तक कम हो जाती है।

भाषा धीरज अविनाश

अविनाश

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)