नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) सरकार ने रणनीतिक विनिवेश के दिशानिर्देशों में बदलाव किया है, जिसके तहत केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) को खरीदने के लिए सभी बोलीदाताओं को अनिवार्य रूप से सुरक्षा मंजूरी हासिल करनी होगी।
एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि रणनीतिक विनिवेश पर मूल्यांकन समिति द्वारा सुरक्षा मंजूरी मिलने के बाद ही संभावित खरीदारों की वित्तीय बोली को खोला जाएगा।
सरकार ने बीपीसीएल, एयर इंडिया, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, बीईएमएल, पवन हंस, नीलाचल इस्पात निगम में प्रबंधन नियंत्रण के साथ अपनी बहुलांश हिस्सेदारी को बेचने का ऐलान किया है।
निवेश और सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) द्वारा 2018 में रणनीतिक विनिवेश के लिए तैयार की गई मार्गदर्शन टिप्पणी में कहा गया था कि कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली विनिवेश समिति सुरक्षा मंजूरी के लिए प्रत्येक मामले पर अलग-अलग विचार करेगी।
यदि अधिकतम बोलीदाता को सुरक्षा मंजूरी नहीं मिली तो अगले बोलीदाता को अधिकतम बोलीदाता की कीमत अदा करने का विकल्प दिया जाएगा।
एक अधिकारी ने कहा, यह ध्यान में आया है कि नियमों में कुछ अस्पष्टता थी, इसलिए मार्गदर्शन टिप्पणी में बदलाव किया गया है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘एक बार वित्तीय बोलियां खोले जाने के बाद, रणनीतिक बिक्री की प्रक्रिया लगभग पूरी हो जाती है। अगर उसके बाद भी उच्चतम बोलीदाता को सुरक्षा मंजूरी नहीं मिली, तो पूरी प्रक्रिया बेकार हो जाती है।’’
हिस्सेदारी बिक्री का प्रबंधन करने वाली सरकारी एजेंसी दीपम ने पिछले सप्ताह सुरक्षा मंजूरी के लिए आवेदन का प्रारूप जारी किया था।
प्रारूप के अनुसार बिक्री के लिए उपलब्ध किसी इकाई में 10 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी की बोली लगाने के लिए बोलीदाता को लाभकारी स्वामित्व का ब्यौरा देना होगा। एकल बोलीदाता की स्थित में उसे अपने निदेशकों और साझेदारों का विवरण साझा करना करना होगा।
भाषा पाण्डेय सुमन
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