मुंबई, दो फरवरी (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने अदाकारा कंगना रनौत के फ्लैट के निर्माण में कथित अनियमितता के खिलाफ कार्रवाई से बीएमसी को रोकने के निचली अदालत द्वारा जारी अंतरिम आदेश को पांच फरवरी तक बरकरार रखा है।
उच्च न्यायालय ने रनौत से पांच फरवरी तक अवगत कराने को कहा है कि क्या वह कथित अनधिकृत बदलावों को नियमित करने के लिए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) में आवेदन करेंगी।
बीएमसी ने उपनगर खार में ऑर्किड ब्रिज बिल्डिंग में अपने नाम तीन फ्लैटों को अवैध तौर पर मिलाने के लिए मार्च 2018 में रनौत को एक नोटिस जारी किया था।
दिंडोसी सिविल कोर्ट ने दिसंबर 2020 में नोटिस के खिलाफ रनौत की याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया था।
निचली अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि तीनों फ्लैटों को मिलाकर ‘मंजूर योजना’ का उल्लंघन किया गया।
अदाकारा के वकील बीरेंद्र सर्राफ ने मंगलवार को उच्च न्यायालय से कहा कि उनके खिलाफ ‘प्रतिशोध’ की भावना से कार्रवाई की गयी। उन्होंने दलील दी कि भवन निर्माता ने अवैध निर्माण किया था, रनौत ने नहीं।
बीएमसी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आस्पी चिनॉय और अधिवक्ता जोएल कार्लोस ने दलील दी कि फ्लैट निर्माण में कम से कम आठ अनियमितताएं पायी गयी।
दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने शुक्रवार तक मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।
अदालत ने कहा, ‘‘सिविल कोर्ट का 22 दिसंबर 2020 का आदेश पांच फरवरी तक लागू रहेगा और तब तक (कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का) अंतरिम आदेश भी बरकरार रहेगा। ’’
भाषा आशीष पवनेश
पवनेश
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