चीन ने रिपोर्टिंग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए बीबीसी के प्रसारण पर रोक लगायी | China bans BBC broadcasting for violating reporting guidelines

चीन ने रिपोर्टिंग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए बीबीसी के प्रसारण पर रोक लगायी

चीन ने रिपोर्टिंग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए बीबीसी के प्रसारण पर रोक लगायी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:20 PM IST, Published Date : February 12, 2021/6:28 am IST

( के जे एम वर्मा )

बीजिंग, 12 फरवरी (भाषा) चीन ने रिपोर्टिंग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए देश में बीबीसी वर्ल्ड न्यूज के प्रसारण पर पाबंदी लगा दी है। चीन के टेलीविजन और रेडियो नियामक ने इस बारे में घोषणा की है।

इससे एक सप्ताह पहले ब्रिटेन ने चीन सरकार के नियंत्रण वाले प्रसारक चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क (सीजीटीएन) के लाइसेंस को रद्द कर दिया था।

चीन ने अल्पसंख्यक उईगुर के दमन और कोरोना वायरस महामारी पर रिपोर्टिंग के लिए बीबीसी की आलोचना की थी और ब्रिटिश प्रसारक के समक्ष आपत्ति दर्ज करायी थी।

बीबीसी ने कहा कि वह चीन सरकार द्वारा उसके प्रसारण पर रोक लगाए जाने से ‘‘निराश’’ है।

चीन के नियामक नेशनल रेडियो एंड टेलीविजन एडमिनिस्ट्रेशन (एनआरटीए) ने विषयवस्तु के नियमों का गंभीर उल्लंघन करने के कारण बृहस्पतिवार रात को बीबीसी वर्ल्ड न्यूज के प्रसारण पर रोक लगाने की घोषणा की।

एनआरटीए ने कहा है कि बीबीसी ने चीन से संबंधित अपनी खबरों से रेडियो और टेलीविजन तथा विदेशी उपग्रह चैनल से जुड़े नियमन का सरासर उल्लंघन किया।

‘शिन्हुआ’ समाचार एजेंसी के मुताबिक एनआरटीए ने एक बयान में कहा कि बीबीसी का कवरेज सच्चाई और निष्पक्षता वाला होना चाहिए था और उसने चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा और एकजुटता को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया।

एनआरटीए ने कहा, ‘‘विदेशी चैनल के तौर पर चीन में प्रसारण के लिए चूंकि चैनल ने शर्तों का पालन नहीं किया इसलिए बीबीसी वर्ल्ड न्यूज को चीनी क्षेत्र में अपनी सेवा जारी रखने की अनुमति नहीं होगी।’’

नियामक ने कहा कि अगले साल के लिए प्रसारण को लेकर बीबीसी का आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।

फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि बीबीसी पर प्रतिबंध से दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश में क्या असर पड़ेगा। बीबीसी को चीनी मुख्य भूभाग या चीनी घरों में प्रसारण की कभी अनुमति नहीं दी गयी। केवल ‘इंटरनेशनल होटलों’ और राजनयिक परिसरों में ही बीबीसी का प्रसारण हो रहा था।

चीन ने बीबीसी पर यह प्रतिबंध ऐसे वक्त लगाया है जब कुछ दिन पहले ब्रिटेन के मीडिया क्षेत्र के नियामक ‘ऑफकॉम’ ने ब्रिटेन में सीजीटीएन के लाइसेंस को रद्द कर दिया था। ‘ऑफकॉम’ ने यह फैसला इसलिए किया था क्योंकि जांच में पता चला कि चाइना स्टेट टेलीविजन का लाइसेंस स्टार चाइना मीडिया लिमिटेड ने गलत तरीके से लिया। सीजीटीएन को ब्रिटेन के नागरिक पीटर हंफ्री के जबरन इकबालिया बयान को प्रसारित करने के लिए ब्रिटेन के प्रसारण नियमन के उल्लंघन का भी दोषी माना गया।

चीन द्वारा लगाए गए प्रतिबंध पर बीबीसी ने एक बयान में कहा, ‘‘हम निराश हैं कि चीनी अधिकारियों ने यह कदम उठाने का निर्णय किया। बीबीसी दुनिया का सबसे विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय समाचार प्रसारक है और दुनिया भर में निष्पक्षता, पारदर्शिता और बेखौफ होकर खबरों का प्रसारण किया जाता है।’’

ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने चीन के इस कदम को मीडिया की स्वतंत्रता को बाधित करने का अस्वीकार्य कदम बताया।

अमेरिकी विदेश विभाग ने भी आलोचना करते हुए कहा कि यह फैसला चीन में आजाद मीडिया को दबाने के व्यापक अभियान का हिस्सा है।

हालिया महीने में हांगकांग को लेकर चीन और ब्रिटेन के बीच रिश्तों में खटास आ गयी है। चीन ने व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन के बाद हांगकांग में नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया था और मानवाधिकारों के मुद्दे पर कई देशों ने चीन के रवैये की आलोचना की है।

भाषा सुरभि नीरज

नीरज

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)