प्रतिबंधों के बाद चीन ने विदेशी राजनयिकों को तलब किया | China summons foreign diplomats after sanctions

प्रतिबंधों के बाद चीन ने विदेशी राजनयिकों को तलब किया

प्रतिबंधों के बाद चीन ने विदेशी राजनयिकों को तलब किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:13 PM IST, Published Date : March 23, 2021/2:40 pm IST

बीजिंग, 23 मार्च (एपी) चीन ने मंगलवार को कहा कि उसने पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप में अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा और ब्रिटेन द्वारा संयुक्त रूप से उसपर लगाए गए प्रतिबंधों के विरोध में विदेशी राजनयिकों को तलब किया है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनइंग ने नए प्रतिबंधों को मंगलवार को ‘बदनाम करने वाले और चीनी लोगों की प्रतिष्ठा का तिरस्कार करने वाला’ बताया।

चुनइंग ने दैनिक ब्रीफिंग में पत्रकारों से कहा, “ मैं उन्हें चेताना चाहता हूं कि उन्हें राष्ट्रीय हितों और सम्मान की रक्षा के लिए चीनी लोगों के दृढ़ निश्चय को कम नहीं समझना चाहिए और उन्हें अपनी मूर्खता तथा अहंकार की कीमत चुकानी होगी।”

इससे कुछ घंटे पहले चीन और रूस के विदेश मंत्रियों ने दोनों देशों के खिलाफ आलोचना और प्रतिबंधों की निंदा की थी।

दक्षिणी चीन के शहर नान्निंग में एक पत्रकार वार्ता में चीन के वांग यी और रूस के सर्जेई लावरोव ने उनकी निरंकुशवादी राजनीति व्यवस्था को लेकर बाहरी आलोचना को खारिज किया था और कहा था कि वे जलवायु परिवर्तन से लेकर कोरोना वायरस महामारी तक के मुद्दों पर वैश्विक स्तर पर प्रगति के लिए काम कर रहे हैं।

वांग ने कहा, “ एकतरफा प्रतिबंधों के सभी रूपों का विरोध करने के लिए देशों को एक साथ खड़ा होना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इन उपायों को नहीं अपनाएगा।”

रूस, यूक्रेन के खिलाफ मानवाधिकार हनन और सैन्य आक्रामकता पर पश्चिमी प्रतिबंधों का सामना कर रहा है।

लावरोव ने कहा कि चीन के साथ रूस के संबंध मजबूत हुए क्योंकि यूरोपीय संघ के साथ मास्को के संबंधों को नुकसान हुआ। उन्होंने सब पर अपने नियम थोपने का पश्चिमी देशों पर आरोप लगाया।

बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में दोनों मंत्रियों ने कहा कि किसी भी देश को अपने लोकतंत्र के स्वरूप को दूसरों पर थोपने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

बयान में कहा गया है, “ लोकतंत्र को आगे बढ़ाने के बहाने से एक संप्रभु राष्ट्र के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप अस्वीकार्य है।”

चीन का कहना है कि शिनजियांग के उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों ने स्वेच्छा से नौकरी के लिए प्रशिक्षण और कट्टरपंथ से बाहर निकालने के पाठ्यक्रमों में भाग लिया है और इन आरोपों का खंडन किया है कि 10 लाख से अधिक लोगों को जेल सरीखे पुनर्शिक्षा शिविरों में बंद किया गया है।

एपी नोमान पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)