अदालत ने महिला के भ्रूण में विकार की जांच के लिए एम्स को चिकित्सा बोर्ड बनाने का निर्देश दिया | Court directs AIIMS to form medical board to probe disorder in woman's foetus

अदालत ने महिला के भ्रूण में विकार की जांच के लिए एम्स को चिकित्सा बोर्ड बनाने का निर्देश दिया

अदालत ने महिला के भ्रूण में विकार की जांच के लिए एम्स को चिकित्सा बोर्ड बनाने का निर्देश दिया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:50 PM IST, Published Date : December 31, 2020/1:10 pm IST

नयी दिल्ली, 31 दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने एम्स के चिकित्सा अधीक्षक को 25 हफ्ते की गर्भवती महिला की स्थिति का पता लगाने के लिए एक बोर्ड का गठन करने को कहा है। महिला के भ्रूण में गंभीर किस्म की विसंगति आ गयी है जिसके कारण उसने गर्भपात के लिए इजाजत देने का अनुरोध किया है।

न्यायमूर्ति विभू बखरू की अवकाशकालीन पीठ ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सा अधीक्षक को चार जनवरी तक रिपोर्ट सौंपकर भ्रूण की चिकित्सकीय स्थिति के बारे में बताने का निर्देश दिया है।

उच्च न्यायालय एक महिला की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। भ्रूण में विकार आने के कारण महिला ने 25 हफ्ते का गर्भ गिराने की इजाजत मांगी है।

महिला की ओर से पेश अधिवक्ता स्नेहा मुखर्जी ने अदालत को बताया कि भ्रूण टिक नहीं पाएगा क्योंकि उसकी दोनों किडनी अब तक विकसित नहीं हुई है।

अदालत ने कहा कि तथ्यों पर विचार करते हुए एम्स के अधीक्षक को महिला की जांच करने के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन करने का निर्देश दिया जाता है। यह बोर्ड भ्रूण की स्थिति और उसके जीवित रहने की संभावना को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश करेगा।

गर्भ का चिकित्‍सकीय समापन अधिनियम की धारा तीन के तहत 20 हफ्ते के बाद के गर्भ को गिराने की अनुमति नहीं है। याचिका में कहा गया कि 25 वें हफ्ते में अल्ट्रा सोनोग्रामी में महिला को भ्रूण में विकार का पता चला।

भाषा आशीष माधव

माधव

 

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