अदालत ने आपत्तिजनक ट्वीट पर अन्य लोकतांत्रिक देशों में उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी मांगी | Court seeks details of steps to be taken in other democracies over offensive tweet

अदालत ने आपत्तिजनक ट्वीट पर अन्य लोकतांत्रिक देशों में उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी मांगी

अदालत ने आपत्तिजनक ट्वीट पर अन्य लोकतांत्रिक देशों में उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी मांगी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:42 PM IST, Published Date : December 8, 2020/2:52 pm IST

मुंबई, आठ दिसंबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को, अन्य लोकतांत्रिक देशों में आपत्तिजनक ट्वीट या सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी मांगी।

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे तथा न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की एक पीठ ने मुंबई की निवासी सुनैना होली द्वारा दाखिल याचिका पर अंतिम दलीलों पर सुनवाई करते हुए यह जानकारी मांगी। होली के खिलाफ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे तथा उनके बेटे आदित्य के विरुद्ध कथित आपत्तिजनक ट्वीट के लिये आजाद मैदान पुलिस ने मामला दर्ज किया था।

होली ने अपने वकील अभिनव चंद्रचूड़ के जरिये अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की अपील की।

मंगलवार को हुई सुनवाई में अधिवक्ता चंद्रचूड़ ने दलील दी कि होली के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में दिये गए तथ्यों में किसी भी अपराध की बात नहीं कही गई है। अधिवक्ता ने कहा कि उनकी मुवक्किल ने महज एक वीडियो डाला था और वह वीडियो उन्होंने नहीं बनाया था।

अधिवक्ता चंद्रचूड़ ने दलील दी कि होली ने अपने पोस्ट में किसी समुदाय, जाति अथवा धर्म का जिक्र नहीं किया, लिहाजा पोस्ट को आपराधिक नहीं माना जा सकता।

महाराष्ट्र सरकार के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज मोहिते ने अदालत से कहा कि मुंबई पुलिस के सोशल मीडिया विभाग के एक अधिकारी ने होली के ट्वीट में ”कुछ आपत्तिजनक” पाया, इसलिये प्राथमिकी दर्ज की गई।

इसपर, अदालत ने ऐसे मामले में दुनिया के अन्य लोकतांत्रिक देशों में उठाए जाने वाले कदमों के बारे में पूछा। अदालत ने दोनों पक्षों के वकीलों से इसपर प्रकाश डालने के लिये कहा। अदालत ने कहा कि यह जानकारी भविष्य में अकादमिक उद्देश्यों में भी लाभदायक साबित हो सकती है।

पीठ ने पूछा, ”दुनिया में भारत की तरह कितने लोकतांत्रिक देश हैं? उन देशों में ऐसे ट्वीट, व्हाट्सऐप संदेशों या अन्य माध्यमों से आलोचना पर क्या रुख अपनाया जाता है? ”

अदालत ने कहा, ”अगर संभव हो तो अकादमिक इस्तेमाल के लिये यह जानकारी उपलब्ध कराएं।”

मामले की अगली सुनवाई 14 दिसंबर को होगी।

भाषा मुजोहेब मनीषा

मनीषा

 

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