बिलासपुर, 15 जुलाई (भाषा) छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की एकल पीठ में राज्य के निलंबित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जी. पी. सिंह के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्रवाई तथा राजद्रोह मामलों में बृहस्पतिवार को एक साथ सुनवाई हुई। न्यायालय ने पूरे मामले में राज्य शासन से जवाब और केस डायरी तलब की है। अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।
अधिवक्ता किशोर भादुड़ी ने बताया कि एक जुलाई को एसीबी ने जी. पी. सिंह पर आय से अधिक लगभग 10 करोड़ रुपये की संपत्ति मिलने का आरोप लगाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13-1 और 13-2 के तहत मामला दर्ज किया था।
भादुड़ी ने बताया कि याचिकाकर्ता जीपी सिंह ने पूरी कार्यवाही को पूर्वाग्रह से ग्रसित बताते हुए नौ जुलाई को उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने न्यायालय से अंतरिम राहत की मांग करते हुए अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को लेकर राज्य पुलिस पर आगे की कार्रवाई पर रोक लगाने की दरख्वास्त की थी।
अधिवक्ता ने बताया कि याचिका में यह भी मांग की गई कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच सीबीआई अथवा किसी अन्य स्वतंत्र जांच एजेंसी से कराई जाए।
भादुड़ी ने बताया कि एसीबी की कार्रवाई के बाद पुलिस ने जीपी सिंह के खिलाफ रायपुर के सिटी कोतवाली थाने में राजद्रोह का मामला दर्ज किया था। याचिकाकर्ता सिंह ने इस मामले को भी उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
उन्होंने बताया कि इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए राज्य सरकार ने भी नौ जुलाई को उच्च न्यायालय में कैविएट दाखिल की थी।
अधिवक्ता ने बताया कि बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार व्यास की एकल पीठ के समक्ष दोनों मामलों की सुनवाई हुई। उच्च न्यायालय ने पूरे मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है और केस डायरी तलब की है। मामले में अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।
एसीबी ने भारतीय पुलिस सेवा के 1994 बैच के अधिकारी जीपी सिंह तथा उनके निकट संबंधियों के ठिकानों पर इस महीने की एक से तीन तारीख तक छापे की कार्रवाई की थी। एसीबी के अनुसार छापे के दौरान सिंह और उनके संबंधियों से लगभग 10 करोड़ रुपए की अनुपातहीन संपत्ति की जानकारी मिली है।
एसीबी की कार्रवाई के बाद राज्य सरकार ने सिंह को निलंबित कर दिया है। बाद में पुलिस ने सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक एसीबी ने जब सिंह के निवास और उनके निकट संबंधियों के स्थानों पर छापे की कार्रवाई की तब उन्हें वहां कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज मिले, जिसके आधार पर सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।
भाषा सं. संजीव नीरज
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