कोविड-19: नौकरी को लेकर अनिश्चितता के कारण मुर्गी पालन का विकल्प चुन रहे हैं इंजीनियर | Covid-19: Engineers opting for poultry due to job uncertainty

कोविड-19: नौकरी को लेकर अनिश्चितता के कारण मुर्गी पालन का विकल्प चुन रहे हैं इंजीनियर

कोविड-19: नौकरी को लेकर अनिश्चितता के कारण मुर्गी पालन का विकल्प चुन रहे हैं इंजीनियर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:58 PM IST, Published Date : July 21, 2021/6:06 am IST

औरंगाबाद, 21 जुलाई (भाषा) कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर कई लोगों के बेरोजगार होने और करियर को लेकर असुरक्षा पैदा होने के कारण महाराष्ट्र में यहां कुछ इंजीनियर एवं प्रबंधन स्नातक आजीविका कमाने के लिए अब मुर्गी या कुक्कुट पालन और बकरी पालन जैसे विकल्प अपना रहे हैं।

औरंगाबाद में कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) में कुक्कुट एवं बकरी पालन पाठ्यक्रम विशेषज्ञ डॉ. अनीता जिंतुरकर ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि एक स्थिर पेशेवर जीवन की चाह में 20 इंजीनियरों एवं प्रबंधन डिग्री धारकों ने हाल में केंद्र में कुक्कुट पालन के पाठ्यक्रम के लिए पंजीकरण कराया है।

उन्होंने कहा, ‘‘इन इंजीनियरों को लगता है कि वे हर महीने एक तय वेतन कमाने के लिए कई घंटे काम करते थे। कोविड-19 के कारण नौकरियों में पैदा हुई अनिश्चतता के कारण इनमें से कुछ इंजीनियरों एवं प्रबंधन स्नातकों ने कुक्कुट एवं बकरी पालन का काम करने का फैसला किया है, क्योंकि उनका मानना है कि इससे वे सीमित घंटे काम करके अधिक लाभ कमा सकते हैं।’’

वसंतराव नाइक कृषि विश्वविद्यालय (परभणी) के तहत संचालित केवीके पूरक कृषि पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण प्रदान करता है। डॉ. जिंतुरकर ने कहा कि उन्हें अब तक कुक्कुट और बकरी पालन पाठ्यक्रम के लिए 20 आवेदन प्राप्त हुए हैं और पाठ्यक्रम के तहत पढ़ाई जल्द ही ऑनलाइन शुरू की जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘इन छात्रों में 15 इंजीनियर, दो प्रबंधन डिग्री धारक और तीन शिक्षा में डिप्लोमा धारक हैं। पहले जो लोग पूर्णकालिक खेती करते थे, वे इस तरह का प्रशिक्षण लेते थे, लेकिन कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लगने के बाद इंजीनियर और प्रबंधन डिग्री धारक भी कुक्कुट पालन और बकरी पालन का काम करना चाहते हैं।’’

सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर चुके पवन पवार ने कहा कि उनके परिवार के पास खेती के लिए जमीन है, लेकिन फिलहाल उस पर खेती करने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं महीने के अंत में एक निश्चित आय अर्जित करने के लिए हर रोज लंबे समय तक काम करता हूं। मुझे लगता है कि अगर मैं अपना समय और ऊर्जा मुर्गी पालन और बकरी पालन व्यवसाय में लगाता हूं, तो मैं और अधिक कमा सकता हूं, इसलिए मैंने इस पाठ्यक्रम के लिए आवेदन किया है।’’

यहां के जिओराई टांडा गांव निवासी इंजीनियर कृष्णा राठौड़ ने कहा, ‘‘लॉकडाउन के दौरान मेरी कंपनी ने मुझसे इस्तीफा देने को कहा। इसने मुझे डरा दिया क्योंकि मुझे एहसास हुआ कि इस समय किसी नौकरी में निश्चितता नहीं है। इसलिए, मैंने बकरी पालन के साथ-साथ कुक्कुट पालन व्यवसाय के बारे में सीखने का फैसला किया। वर्तमान में, मेरे पास एक है नौकरी है, लेकिन अपना व्यवसाय स्थापित कर कर लेने के बाद मैं नौकरी छोड़ दूंगा।’’

भाषा सिम्मी मनीषा

मनीषा

 

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