जमकर तबाही मचाने के बाद कमजोर हुआ चक्रवाती तूफान ताउते, गुजरात में भारी बारिश के बीच 7 की मौत | Cyclone Taute weakens, 7 killed amid heavy rains in several parts of Gujarat

जमकर तबाही मचाने के बाद कमजोर हुआ चक्रवाती तूफान ताउते, गुजरात में भारी बारिश के बीच 7 की मौत

जमकर तबाही मचाने के बाद कमजोर हुआ चक्रवाती तूफान ताउते, गुजरात में भारी बारिश के बीच 7 की मौत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:26 PM IST, Published Date : May 18, 2021/3:47 pm IST

अहमदाबाद: गुजरात में चक्रवात ताउते से जुड़ी घटनाओं में कम से कम सात लोगों की जान चली गई जबकि इसकी वजह से तटीय इलाकों में भारी नुकसान हुआ, बिजली के खंभे तथा पेड़ उखड़ गए तथा कई घरों व सड़कों को भी नुकसान पहुंचा है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि शाम होते-होते यह कमजोर पड़ गया था। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि ताउते अब कमजोर होकर “चक्रवाती तूफान” में तब्दील हो गया है और जैसे-जैसे उत्तर की तरफ बढ़ेगा यह “गहरे दबाव” में बदल जाएगा। चक्रवाती तूफान के कारण राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई और करीब 35 तालुका में एक इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। भारी बारिश के कारण अहमदाबाद के कई इलाकों में दिन में घुटनों तक पानी भर गया। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि चक्रवाती तूफान की वजह से 16,000 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा है, जबकि 40 हजार से ज्यादा पेड़ और एक हजार से ज्यादा बिजली के खंभे इसकी वजह से उखड़ गए।

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अधिकारियों ने बताया कि गुजरात के वेरावल बंदरगाह के निकट चक्रवात के कारण समुद्र में फंसी मछली पकड़ने वाली नौका में सवार आठ मछुआरों को मंगलवार को तटरक्षक बल ने एक अभियान चलाकर सुरक्षित बचाया। एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके अलावा तटरक्षक बल के दो चेतक हेलीकॉप्टरों ने बेहद खराब मौसम के बीच (पड़ोसी महाराष्ट्र) के सतपति तट के निकट समुद्र में फंसे ‘गल कंस्ट्रक्टर’ जहाज के चालक दल के आठ सदस्यों को भी बचा लिया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि चक्रवात ‘ताउते’ सोमवार की मध्यरात्रि में सौराष्ट्र क्षेत्र के दीव और उना के बीच गुजरात तट से टकराने के बाद कमजोर पड़ गया है। मुख्यमंत्री रुपाणी ने कहा कि राज्य के करीब 35 तालुका में एक इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि बागासरा तालुका में नौ इंच बारिश हुई, गिर गधाना में आठ इंच, उना में आठ इंच, सवरकुंडला में सात इंच और अमरेली में पांच इंच बारिश दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि राजुला, खंबा और बाबरा तालुका में पांच-पांच इंच बारिश हुई।

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चक्रवात ताउते दोपहर बाद अहमदाबाद जिले की सीमा से लगते हुए उत्तर की तरफ बढ़ गया और इससे पहले और इस दौरान भी यहां लगातार भारी बारिश हुई जिससे शहर के कई इलाकों में घुटनों तक जलभराव हो गया। नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने बताया कि शहर में सुबह छह बजे से शाम चार बजे के बीच 75.69 मिलीमीटर बारिश हुई। आईएमडी ने कहा कि चक्रवात ताउते गुजरात के तट से “बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान” के तौर पर आधीरात के करीब गुजरा और धीरे-धीरे कमजोर होकर “गंभीर चक्रवाती तूफान” तथा बाद में और कमजोर होकर अब “चक्रवाती तूफान” में बदल गया है। उसने कहा कि जैसे-जैसे वह उत्तर-उत्तरपूर्व की तरफ बढ़ रहा है यह धीरे-धीरे कमजोर पड़कर “गहरे दबाव” में तब्दील हो जाएगा। गृह मंत्रालय ने एक परामर्श में कहा कि चक्रवात के 19 से 20 मई को उत्तर-पूर्व की तरफ राजस्थान से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तरफ बढ़ने की संभावना है। आईएमडी ने कहा कि मंगलवार अपराह्न चक्रवाती तूफान सौराष्ट्र, अहमदाबाद से करीब 75 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम और सुरेंद्रनगर से 40 किलोमीटर पश्चिम तथा दीसा से 190 किलोमीटर दूर केंद्रित था। इस दौरान हवा की रफ्तार 90 किलोमीटर प्रतिघंटे से घटकर 70-80 किलोमीटर प्रतिघंटे रह गई थी।

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आईएमडी (अहमदाबाद) की प्रमुख मनोरमा मोहंती ने संवाददाताओं को बताया कि चक्रवाती तूफान के 45-55 किलोमीटर प्रतिघंटे की हवा की रफ्तार के साथ बने रहने की उम्मीद है और इस दौरान अमरेली, भावननगर, नवसारी, वलसाड, साबरकांठा समेत गुजरात के अन्य इलाकों तथा केंद्र शासित प्रदेश दमन तथा दादरा व नगर हवेली में भारी से बहुत भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) पंकज कुमार ने कहा, “चक्रवात ने बीती रात डेढ़ बजे गुजरात में दस्तक दी थी और सौराष्ट्र क्षेत्र के अमरेली, गिर सोमनाथ, जूनागढ़, पोरबंदर, राजकोट, भावनगर तथा बोटाड जिले सबसे बुरी तरह इससे प्रभावित हुए।”

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उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “इस वक्त के हालात देखते हुए हमें रात तक अत्यधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।” अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात की तीव्रता के कमजोर पड़ने के बावजूद यह अपने पीछे काफी तबाही छोड़ कर गया है और कम से कम सात लोगों की जान गई है, जिनमें से भावनगर में तीन तथा राजकोट, पाटण, अमरेली और वलसाड में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। राज्य आपात अभियान केंद्र (एसईओसी) के एक अधिकारी ने चक्रवात की वजह से तीन मौत की पुष्टि की है जिनमें राजकोट, वलसाड और भावनगर में एक-एक व्यक्ति के मरने की बात कही गई है।

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पाटण ए-संभाग पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार रात तेज हवाएं चलने से, घर में सो रही एक महिला पर बिजली का खंभा गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई। एक स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि भावनगर के पलिताना तालुका के बादेली गांव में घर की दीवार गिरने से एक महिला व उसकी बेटी की मौत हो गई। पुलिस ने कहा कि एक अन्य घटना में अमरेली जिले के राजुला में सोमवार रात एक मकान की छत ढहने से एक लड़की की मौत हो गई। मुख्यमंत्री रुपाणी ने गांधीनगर में संवाददाताओं को बताया कि चक्रवात की वजह से 16500 घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से अधिकतर छप्पर वाले थे, वहीं 40 हजार से ज्यादा पेड़ उखड़ गए और 1081 खंभे भी उखड़ गए, जिनमें से अधिकतर बिजली के थे।

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उन्होंने कहा कि 159 सड़कों को नुकसान पहुंचा है जबकि विभिन्न कारणों से 196 मार्ग अवरुद्ध हुए हैं, जिनमें से 45 को वाहनों की आवाजाही के लिये फिर से खोल दिया गया है। उन्होंने कहा कि 2437 गांवों में बिजली नहीं थी, जिनमें से अब तक 484 गांवों की बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है। रुपाणी ने कहा कि प्रदेश सरकार की मुख्य चिंता प्रदेश के करीब 1400 अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों की निर्बाध उपचार की है। उन्होंने कहा कि इन अस्पतालों में से 16 को चक्रवात की वजह से बिजली आपूर्ति ठप होने का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि इनमें से 12 की विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई है जबकि चार में अभी जनरेटरों से काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि भावनगर के एक संयंत्र में चक्रवाती तूफान की वजह से चिकित्सीय ऑक्सीजन उत्पादन का काम बाधित हुआ लेकिन सुरक्षित (बफर) स्टॉक से आपूर्ति जारी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में मंगलवार को हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है जबकि इस इलाके के कुछ स्थानों पर भारी से बेहद भारी बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है।

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