नयी दिल्ली, दो मार्च (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को निर्देश दिया है कि वह 31 मई तक कोंडली सीवेज शोधन संयंत्र से आनेवाली ‘बदबू’ को नियंत्रित करे और दुर्गंध नियंत्रण इकाई की स्थापना करे।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जरूरी उपाय नहीं किए गए तो निर्धारित तारीख के बाद दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को तब तक हर महीने पांच लाख रुपये भरने होंगे जब तक कि आदेश का पालन नहीं हो जाता।
अधिकरण ने इसके साथ ही मामले को सुनवाई के लिए नौ जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर लिया।
एनजीटी ने यह निर्देश एक रेजीडेंट वेलफेयर सोसाइटी की याचिका पर दिया जिसमें आरोप लगाया गया था कि कोंडली सीवेज शोधन संयंत्र का परिचालन मानकों के अनुरूप नहीं हो रहा है और वहां से बदबू आ रही है।
भाषा धीरज मानसी
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