नयी दिल्ली, 11 फरवरी (भाषा) वाहन चलाते समय मोबाइल फोन से सबसे अधिक ध्यान भंग होता है। यह बात फोर्ड कार्टेसी सर्वेक्षण में सामने आयी है। सर्वेक्षण में शामिल प्रमुख मेट्रो शहरों के उत्तरदाताओं में से 97 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इसे देश में दुर्घटना का शीर्ष कारण माना।
सर्वेक्षण से यह भी बात सामने आयी कि भारतीय सड़कों का उपयोग करने वालों में यातायात नियमों के बारे में जागरूकता की कमी है। सर्वेक्षण में यह भी पता चला कि ड्राइविंग लाइसेंस परीक्षाओं से संबंधित सवाल पूछे जाने पर मात्र छह प्रतिशत उत्तरदाताओं ने 50 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए।
वाहन निर्माता ‘फोर्ड इंडिया’ ने एक बयान में कहा कि फोर्ड कार्टेसी सर्वेक्षण का तीसरा संस्करण आदर्श सड़क व्यवहार के लिए अंतर्निहित बाधाएं भी सामने लाया है और इसने सुरक्षित सड़क इस्तेमाल के लिए एक व्यापक और समग्र सड़क सुरक्षा शिक्षा कार्यक्रम की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है।
सर्वेक्षण के तहत छह मेट्रो शहरों- दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई और हैदराबाद- में वर्ष 2020 के दूसरे हिस्से में कुल 1,561 साक्षात्कार लिये गए। इसमें यह भी पाया गया कि छह शहरों में कोलकाता और चेन्नई में सबसे आदर्श सड़क उपयोगकर्ता हैं।
सर्वेक्षण के अनुसार मोबाइल फोन एक वास्तव में ध्यान भंग करने वाला है। इसमें कहा गया है कि 3 में से 1 उत्तरदाता का मानना था कि उनके शहर में यातायात की स्थिति बेहद खराब से अत्यंत खराब होती है, 97 प्रतिशत लोगों का मनना है कि मोबाइल फोन के उपयोग के कारण ‘वाहन चलाते समय ध्यान भंग होता है और 81 प्रतिशत सोचते हैं कि ‘आक्रामक ड्राइविंग’ देश में दुर्घटनाओं का शीर्ष कारण है।
औसतन, लगभग आधे यात्रियों ने आदर्श व्यवहार प्रदर्शन नहीं करना स्वीकार किया जिसमें अनुपालन, सावधानी और करुणा का पालन करना होता है।
भाषा
अमित नरेश
नरेश
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