कोलकाता, नौ जुलाई (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आरोपी देबंजन देब द्वारा महानगर और उसके उपनगरों में कोविड-19 टीकाकरण के कथित रूप से लगाये गये फर्जी शिविरों के मामले की जांच में फिलहाल हस्तक्षेप करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया।
मामले क एक केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने के अनुरोध वाली जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति आई पी मुखर्जी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि अगर कोलकाता पुलिस द्वारा की जा रही जांच को लेकर असंतोष का कोई कारण है तो याचिकाकर्ता बाद में अदालत का रुख कर सकते हैं। न्यायमूर्ति अनिरुद्ध रॉय की पीठ ने कहा कि वह इस स्तर पर मामले की जांच में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है।
कोलकाता पुलिस ने मामले के सिलसिले में देब और कई अन्य को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया था।
देब द्वारा कस्बा इलाके में आयोजित इस तरह के शिविर में तृणमूल कांग्रेस की सांसद और अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती सहित सैकड़ों लोगों को कथित नकली टीके लगाए गए थे।
देब ने दक्षिण 24 परगना जिले के एमहर्स्ट स्ट्रीट के एक कॉलेज और सोनारपुर में भी इसी तरह के शिविर आयोजित किए थे।
भाषा देवेंद्र मनीषा
मनीषा
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