कृषि जिंसों में वायदा-विकल्प कारोबार पकड़ेगा जोर, किसान समझने लगे हैं कारोबार के फायदे: अधिकारी | Farmers begin to understand benefits of business: Official

कृषि जिंसों में वायदा-विकल्प कारोबार पकड़ेगा जोर, किसान समझने लगे हैं कारोबार के फायदे: अधिकारी

कृषि जिंसों में वायदा-विकल्प कारोबार पकड़ेगा जोर, किसान समझने लगे हैं कारोबार के फायदे: अधिकारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:18 PM IST, Published Date : June 2, 2021/12:05 pm IST

नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) भविष्य में कृषि जिंसों में वायदा एवं विकल्प (डेरिवेटिव्ज) व्यापार के बढ़ने को लेकर आश्वस्त अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि बड़े पैमाने पर किसान बुवाई के समय ही खेती की लागत के हिसाब से फसल की कीमत पहले से तय करने के ‘विकल्प कारोबार’ के फायदों को समझने लगे हैं।

एक अधिकारी ने कहा कि एफपीओ (किसान उत्पादक संगठनों) के लिए एक विशेष ‘विकल्प परिचय कार्यक्रम’ में भी किसानों को मूल्य जोखिम से निपटने और अपनी फसलों की उपज बढ़ाने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने की तकनीक सीखने में मदद मिली है।

उन्होंने कहा, ‘‘कार्यक्रम की सफलता उन्हें अन्य कृषि जिंसों में भी इसी तरह के अनुबंधों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करेगी।’’

यह कार्यक्रम नवंबर 2020 में जिंस एक्सचेंज एनसीडीईएक्स द्वारा शुरू किया गया था, जिसमें एनसीडीईएक्स के सदस्यों के साथ ग्राहकों के रूप में पंजीकृत एफपीओ दो वस्तुओं – चना और सरसों दाना में ‘पुट ऑप्शन’ तथा दोनों जिंसों में मूल्य लॉक-इन के लिये पात्र थे। इससे किसानों एवं एफपीओ को अपने मूल्य जोखिम प्रबंधन की सुविधा मिलती है।

बाजार नियामक सेबी द्वारा छोड़ी गई नियामक शुल्क में से एनसीडीईएक्स द्वारा पुट ऑप्शन खरीदने के लिए प्रति क्विंटल 300 रुपये तक की प्रीमियम लागत की प्रतिपूर्ति की गई थी।

एक अधिकारी के अनुसार इस कार्यक्रम में 40 से अधिक एफपीओ ने भाग लिया और किसानों की ओर से 1,030 टन चना और 1,980 टन सरसों दाना की बिक्री के लिए दाम लॉक-इन किये। कार्यक्रम के तहत 80 लाख रुपये से अधिक के ‘पुट ऑप्शंस’ खरीदने की प्रीमियम लागत पर सब्सिडी दी गई।

‘पुट ऑप्शन’ के माध्यम से मूल्य संरक्षण ने एफपीओ को उचित लागत पर वित्तपोषण प्राप्त करने लायक बनाया क्योंकि इसमें बैंकों और वित्तीय कंपनियों को न्यूनतम मूल्य के बारे में निश्चितता रहती है जो किसानों को उनकी उपज के लिए मिलेगा।

किसानों, एफपीओ को जिंस डेरिटिव एक्सचेंज में कारोबार के लिये प्रोत्साहित करने के वास्ते सेबी ने उन्हें नियामकीय फीस से छूट देने का फैसला किया है। इस प्रकार दी गई छूट का इस्तेमाल एक्सचेंज को किसानों और एफपीओ के लिये मंडी शुल्क, अनाज की सफाई, उसे सुखाने और पुट आप्शन के प्रीमियम की भरपाई के लिये करने की अनुमति दी गई है।

‘पुट आप्शन’ धारक को किसी उत्पाद को उसके लिये तय मूल्य पर निर्धारित तिथि को बेचने का अधिकार तो होता है लेकिन यह उसका दायित्व नहीं होता है। जो भी किसान अथवा एफपीओ पुट आप्शन को खरीदता है उसे दाम गिरने के जोखिम से सुरक्षा मिलती है जबकि दाम बढ़ने का लाभ उसे प्राप्त होता है।

भाषा राजेश

राजेश महाबीर

महाबीर

 

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