देश को चुनौती देने वाली ताकतों से निपटने के लिए सरकार प्रयासरत :राष्ट्रपति | Government strives to deal with forces challenging the country: President

देश को चुनौती देने वाली ताकतों से निपटने के लिए सरकार प्रयासरत :राष्ट्रपति

देश को चुनौती देने वाली ताकतों से निपटने के लिए सरकार प्रयासरत :राष्ट्रपति

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:25 PM IST, Published Date : January 29, 2021/8:38 am IST

नयी दिल्ली, 29 जनवरी (भाषा) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार देश की एकता और अखंडता को चुनौती देने वाली ताकतों से निपटने के लिए हर स्तर पर प्रयासरत है और हिंसा फैलाने वाली ताकतों पर कड़ाई बरती जा रही है।

कोविंद ने बजट सत्र के प्रथम दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों को नए अधिकार मिले हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सरकार देश की एकता और अखंडता को चुनौती देने वाली ताकतों से निपटने के लिए हर स्तर पर प्रयासरत है। एक तरफ जहां हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ हिंसा फैलाने वाली ताकतों पर कड़ाई बरती जा रही है।’’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘इसी का परिणाम है कि नक्सली हिंसा की घटनाओं में बड़ी कमी आई है और नक्सल प्रभावित क्षेत्र का दायरा सिमट रहा है।’’

उन्होंने कहा कि सरकार की विकास नीति को जम्मू कश्मीर के लोगों ने भी भरपूर समर्थन दिया है।

कोविंद ने कहा, ‘‘कुछ सप्ताह पहले ही, आजादी के बाद पहली बार, जम्मू कश्मीर में जिला परिषद के चुनाव सफलता के साथ संपन्न हुए हैं। बड़ी संख्या में मतदाताओं की भागीदारी ने दर्शाया है कि जम्मू कश्मीर नए लोकतांत्रिक भविष्य की तरफ तेज़ी से आगे बढ़ चला है। प्रदेश के लोगों को नए अधिकार मिलने से उनका सशक्तीकरण हुआ है।’’

उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत- सेहत योजना लागू होने के बाद जम्मू कश्मीर के हर परिवार को पांच लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज का लाभ मिलना तय हुआ है।

कोविंद ने कहा कि जम्मू में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण की एक पीठ भी स्थापित की गई है।

उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद, कुछ महीने पहले लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के चुनाव की प्रक्रिया भी सफलता-पूर्वक सम्पन्न हुई है और अब लद्दाख के लोग स्वयं, अपने प्रदेश के विकास से जुड़े निर्णय और तेज़ी से ले रहे हैं।

भाषा वैभव माधव

माधव

 

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