गुजरात पंचायत चुनाव : उच्च न्यायालय ने सीट आरक्षण के फैसले के खिलाफ दायर याचिका खारिज की | Gujarat Panchayat Elections: High Court rejects petition filed against seat reservation verdict

गुजरात पंचायत चुनाव : उच्च न्यायालय ने सीट आरक्षण के फैसले के खिलाफ दायर याचिका खारिज की

गुजरात पंचायत चुनाव : उच्च न्यायालय ने सीट आरक्षण के फैसले के खिलाफ दायर याचिका खारिज की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:41 PM IST, Published Date : February 10, 2021/12:03 pm IST

अहमदाबाद, 10 फरवरी (भाषा) गुजरात उच्च न्यायालय में बुधवार को उन याचिकाओं को खारिज कर दिया जिसमें राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) द्वारा आगामी पंचायत चुनाव में आरक्षण के लिए सीटों के आवर्तन संबंधी आदेश को चुनौती दी गई थी।

अदालत ने कहा कि वह हस्तक्षेप नहीं करेगी क्योंकि 28 फरवरी के चुनाव के लिए पहले ही अधिसूचना जारी हो चुकी है।

न्यायमूर्ति जेबी पर्दीवाला एवं न्यायूर्त इलेश वोरा की खंडपीठ ने कहा कि वह आखिरी समय में मामले की सुनवाई नहीं करेगी।

याचिकाकर्ताओं में से एक तापी जिले में अनुसूचित जनजाति के प्रत्याशी दिनेश गमित ने अदालत से नौ सितंबर 2020 को एसईसी के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया था जिसके तहत तापी जिला पंचायत की चीमर सीट को अनुसूचित जनजाति की महिला के लिए आरक्षित किया गया है। गमित ने अनुरोध किया कि इस सीट को अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किया जाए ताकि वह भी चुनाव लड़ सकें।

दिनेग गमित ने कहा कि यह सीट पिछले दो दशक से अनुसूचित जनजाति की महिला के लिए आरक्षित है जिसकी वजह से पुरुष प्रत्याशी वहां से चुनाव नहीं लड़ पाते।

याचिका में कहा गया कि गुजरात पंचायत अधिनियम -1993 के तहत राज्य सरकार द्वारा बनाई गई गुजरात तालुका एवं जिला पंचायत (परिसीमन)-2010 नियमवाली के नियम पांच के तहत एसईसी को पहले प्रस्तावित सीट आवर्तन का प्रकाशन करना चाहिए और अंतिम फैसला लेने से पहले लोगों के सुझाव लेने चाहिए।

याचिकाकर्ता के मुताबिक आरक्षण के लिए सीटों के आवंटन हेतु एसईसी द्वारा जारी आदेश वर्ष 2010 की नियमावली का उल्लंघन है क्योंकि इसमें जनता से कोई आपत्ति आमंत्रित नहीं की गई।

इसके जवाब में एसईसी ने अदालत को बताया कि पंचायत चुनावों के लिए पहले ही 23 जनवरी को अधिसूचना जारी हो चुकी है एवं 28 फरवरी को वहां चुनाव होने हैं।

आयोग ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद-243 के तहत सीटों के परिसीमन एवं आवंटन को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती और ऐसा केवल चुनावी याचिका के माध्यम से ही किया जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि गुजरात में पंचायत चुनाव दो चरणों में 21 फरवरी और 28 फरवरी को होने हैं।

भाषा धीरज उमा

उमा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)