कोरोना टीका लगवाने के एक दिन बाद स्वास्थ्यकर्मी की मौत, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये बड़ी वजह आयी सामने..देखिए | Health worker dies a day after getting quad-19 vaccinated in Moradabad

कोरोना टीका लगवाने के एक दिन बाद स्वास्थ्यकर्मी की मौत, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये बड़ी वजह आयी सामने..देखिए

कोरोना टीका लगवाने के एक दिन बाद स्वास्थ्यकर्मी की मौत, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये बड़ी वजह आयी सामने..देखिए

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:58 PM IST, Published Date : January 18, 2021/1:37 pm IST

मुरादाबाद/लखनऊ, 18 जनवरी (भाषा) कोरोना वायरस का टीका लगवाने के एक दिन बाद यहां 46 वर्षीय महिपाल नामक स्वास्थ्यकर्मी की मौत हो गई। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शव परीक्षण रिपोर्ट में मौत का कारण ‘ह्रदय और फेफड़ों संबंधी रोग’ बताया गया है। स्वास्थ्यकर्मी महिपाल के परिवार का आरोप है कि उनकी मौत टीकाकरण के कारण हुई तथा उन्हें बुखार एवं खांसी के अलावा स्वास्थ्य संबंधी और कोई परेशानी नहीं थी। महिपाल मुरादाबाद के सरकारी दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में वार्ड ब्वॉय के रूप में काम करते थे। हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि व्यक्ति की मौत सेप्टिकैमिक शॉक (प्राणघातक स्तर तक निम्न रक्तचाप) और हृदयगति रूकने की वजह से हुई और मौत का कोविड-19 के टीकाकरण से संबंध नहीं है।

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लखनऊ में संवाददाताओें से राज्य के अवर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने कहा, ‘‘ मुरादाबाद में व्यक्ति की मौत की घटना की टीकाकरण (एईएफआई) समिति ने जांच की। मौत की वजह सेप्टिकैमिक शॉक और हृदय गति का रूकना है और टीकाकरण से इसका कोई संबंध नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि कुछ लोग टीका और टीकाकरण के बारे में गलत खबर फैला रहे हैं और लोगों को उन पर विश्वास नहीं करना चाहिए।

प्रसाद ने कहा, ‘‘दोनों टीके (कोविशील्ड और कोवैक्सिन) जिनका इस्तेमाल देश में हो रहा है, वे पूरी तरह से सुरक्षित हैं।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोविड-19 से बचाव के लिए शनिवार को राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान की शुरुआत करने के बाद उत्तर प्रदेश में पहले दिन कुल 20,076 स्वास्थ्य कर्मियों को टीके की पहली खुराक दी गई। महिपाल की रविवार रात को हुई मौत के बाद मुरादबाद के जिलाधिकारी राकेश सिंह ने कहा कि उच्च स्तरीय चिकित्सा जांच की जाएगी।

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उन्होंने कहा, ‘‘ महिपाल का मामला अपवाद है और उच्च स्तरीय चिकित्सा जांच के आदेश दिए गए हैं।’’ सिंह ने जोर देकर कहा कि टीका पूरी तरह से सुरक्षित है और जिन लोगों को टीका दिया गया है उनमें कोई गंभीर दुष्परिणाम सामने नहीं आए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी मिलिंद चंदर गर्ग ने कहा कि महिपाल की मौत का कारण ह्रदय रोग था। उन्होंने कहा, ‘‘पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार उन्हें ह्रदय संबंधी परेशानी थी और खून के थक्के भी जमे थे।’’

पोस्टमार्टम तीन चिकित्सकों ने किया। इसकी रिपोर्ट में लिखा है कि महिपाल को ‘‘कार्डियो-पल्मोनरी रोग था’’ और ‘‘कोरोना टीके से इसका कोई संबंध नहीं है।’’ गर्ग ने कहा कि जिन्हें भी टीका लगाया गया है उनमें से कुछ को सामान्य परेशानियां तो हो रही हैं लेकिन वैसी कोई दिक्कत नहीं हो रही जैसी कि महिपाल को हुई। महिपाल के बेटे विशाल ने कहा कि उनके पिता को सांस लेने में कठिनाई हो रही थी, इसलिए उन्होंने उसे फोन करके अस्पताल में बुलाया।

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विशाल ने कहा, ‘‘मेरे पिता को खांसी और कफ की समस्या थी,लेकिन टीका लगने के बाद उन्हें बुखार आ गया तथा सांस लेने में परेशानी महसूस होने लगी। रविवार को उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां रात को उनकी मौत हो गई।’’ महिपाल के परिवार ने कहा कि उन्हें कभी भी ह्रदय संबंधी परेशानी नहीं हुई, बुखार और खांसी को छोड़कर वह पूरी तरह से स्वस्थ थे। बेटे ने कहा, ‘‘मेरे पिता महामारी के दौरान भी अपनी ड्यूटी निभाते रहे लेकिन उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण नहीं हुआ।’’