वैक्सीन वितरण में देरी हुई तो वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर छह प्रतिशत रह सकती है | If vaccine distribution is delayed, GDP growth rate may remain at six per cent in FY 2021-22

वैक्सीन वितरण में देरी हुई तो वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर छह प्रतिशत रह सकती है

वैक्सीन वितरण में देरी हुई तो वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर छह प्रतिशत रह सकती है

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:23 PM IST, Published Date : January 13, 2021/3:42 pm IST

मुंबई, 13 जनवरी (भाषा) कोविड-19 की वैक्सीन के वितरण में देरी का असर अगले वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि पर पड़ सकता है और मुद्रास्फीति की स्थिति नरम पड़ने के साथ ही रिजर्व बैंक जून तक नीतिगत दरों में 50 आधार अंक (आधा प्रतिशत) की कटौती कर सकता है।

एक विदेशी ब्रोकरेज कंपनी बीओएफए सिक्योरिटीज ने बुधवार को यह बात कही। बीओएफए सिक्योरिटीज ने कहा कि यदि नए वित्त वर्ष की पहली छमाही में वैक्सीन वितरण पूरा हो गया, तो जीडीपी वृद्धि दर नौ प्रतिशत रह सकती है, लेकिन यदि वितरण दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) तक टल गया, तो यह सिर्फ छह प्रतिशत रह जाएगी।

ब्रोकरेज फर्म का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.7 प्रतिशत घटेगी, जबकि सरकार का अनुमान 7.7 प्रतिशत कमी का है।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के दिसंबर में घटकर 4.6 प्रतिशत तक आने के एक दिन बाद पत्रकारों से बात करते हुए अर्थशास्त्री इंद्रनील सेन गुप्ता ने कहा कि बीओएफए को उम्मीद है कि आरबीआई जून से पहले नीतिगत दरों में 50 आधार अंकों की कमी करेगा, जिसके बाद इसमें एक बार फिर बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू होगा।

उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति पर दबाव आपूर्ति पक्ष के चलते अधिक था, और उम्मीद है कि इसमें आगे आसानी होगी। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक और थोकमू्ल्य सूचकांक में अंतर आपूर्ति पक्ष की बाधाओं को दर्शाता है।

वृद्धि के लिहाज से ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि भारत अगले दशक में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।

उन्होंने कहा कि जनसांख्यिकीय लाभ से वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा, जिसके चलते निवेश को बढ़ावा मिलेगा, वित्तीय समझ बढ़ेगी और बड़े बाजार का उभार होगा।

भाषा पाण्डेय मनोहर

मनोहर

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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