भारत सुरक्षा परिषद में मतभेदों को पाट रहा, अफगानिस्तान-म्यांमा पर चर्चा में मदद कर रहा : तिरुमूर्ति | India bridging differences in Security Council, helping discuss Afghanistan-Myanmar: Tirumurthy

भारत सुरक्षा परिषद में मतभेदों को पाट रहा, अफगानिस्तान-म्यांमा पर चर्चा में मदद कर रहा : तिरुमूर्ति

भारत सुरक्षा परिषद में मतभेदों को पाट रहा, अफगानिस्तान-म्यांमा पर चर्चा में मदद कर रहा : तिरुमूर्ति

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:47 PM IST, Published Date : March 31, 2021/6:57 am IST

(योषिता सिंह)

न्यूयॉर्क , 31 मार्च (भाषा) भारत ध्रुवीकृत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ‘सेतु’ का काम कर रहा है, मतभेदों को दूर करने का प्रयास कर रहा है, परिषद के बयानों को दिशा देने में मदद कर रहा है, अफगानिस्तान और म्यांमा पर चर्चा और सीरिया में मानवीय संकट को ध्यान में रखकर वृहद बैठक पर जोर दे रहा है और आतंकवाद पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। यह बात संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत ने कही।

पंद्रह सदस्यीय सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य के रूप में निर्वाचन के तीन महीने पूरे कर रहे भारत के संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि एवं राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत सुरक्षा परिषद की चर्चाओं में ‘अनूठा परिप्रेक्ष्य’ लाने में सफल रहा है।

तिरुमूर्ति ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘आप चाहें तो इसे भारतीय परिप्रेक्ष्य कह सकते हैं। यह बहुत गहन अवधि रही है।’’

उन्होंने रेखांकित किया कि भारत ऐसे समय में सुरक्षा परिषद सदस्य बना है जिसमें गत समय में ध्रुवीकरण हुआ है।

तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘ध्रुवीकरण अब भी दिखाई देता है, भारत सुरक्षा परिषद में मतभेदों को दूर करने में सेतु की तरह काम कर रहा है। हम सभी मुद्दों पर सदस्यों के साथ सृजनात्मक कार्य कर रहे हैं। हमारी बात का सम्मान होता है और हमारे योगदान को स्वीकार किया जाता है।’’

तिरुमूर्ति ने जोर देकर कहा, ‘‘परिषद के लिए एक सुर में बोलना महत्वपूर्ण है बजाय बिल्कुल ही नहीं बोलना।’’

उन्होंने उन घटनाओं का जिक्र किया जब भारत ने परिषद में नतीजे लाने में मदद की।

तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत ने विभिन्न मुद्दों पर अपना परिप्रेक्ष्य लेकर आया। म्यांमा पर सुरक्षा परिषद के बयान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने ‘‘अलग-अलग नजरिये को एक साथ लाकर इस बयान को अधिक सृजनात्मक और मुद्दे के समाधान में सहायक बनाने में सफल रहा।’’

उन्होंने बताया कि तालिबान प्रतिबंध समिति की अध्यक्षता करते हुए भारत ने परिषद के अफगानिस्तान पर बयान को स्वरूप देने में मदद की जिसमें बढ़ती हिंसा को लेकर हमारी चिंताओं और लक्षित हत्याओं के मुद्दे के साथ महिलाओं, अल्पसंख्यकों और आतंकवाद पर ध्यान केंद्रित किया गया और इसके अफगानिस्तान एवं इलाके पर होने वाले असर पर विचार किया गया।

तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘ अफगानिस्तान और उसकी स्थिरता एवं शांति में हमारे महत्वपूर्ण हित है। तालिबान प्रतिबंध समिति के अध्यक्ष होने के नाते इस प्रक्रिया में हमारा योगदान महत्वपूर्ण है।’’

भाषा धीरज शाहिद

शाहिद

 

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