रोहिंग्या के बांग्लादेश से म्यांमा लौटने में भारत का सबसे बड़ा हित है : भारत ने यूएनजीए में कहा | India has the biggest interest in returning Rohingya from Bangladesh to Myanmar: India says in UNGA

रोहिंग्या के बांग्लादेश से म्यांमा लौटने में भारत का सबसे बड़ा हित है : भारत ने यूएनजीए में कहा

रोहिंग्या के बांग्लादेश से म्यांमा लौटने में भारत का सबसे बड़ा हित है : भारत ने यूएनजीए में कहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:51 PM IST, Published Date : February 27, 2021/10:03 am IST

संयुक्त राष्ट्र, 27 फरवरी (भाषा) भारत ने विस्थापित रोहिंग्या के बांग्लादेश से म्यांमा जल्द लौटने पर जोर देते हुए कहा कि मुद्दे के समाधान में उसका सबसे बड़ा हित है क्योंकि यह एकमात्र देश है जिसकी दोनों देशों से लंबी सीमा लगती है।

म्यांमा की स्थिति पर शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की अनौपचारिक बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी. एस. तिरूमूर्ति ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि देश में हुई हालिया घटनाओं से अभी तक हुई प्रगति में बाधा नहीं पहुंचे और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सकारात्मक कदमों को प्रोत्साहित करना चाहिए और उनका समर्थन करना चाहिए।

बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में 11 लाख से अधिक रोहिंग्या रह रहे हैं, जो सेना की कार्रवाई के बाद म्यांमा से भागे थे। सेना की कार्रवाई को कई अधिकार समूह ‘‘जातीय सफाया’’ करार देते हैं।

म्यांमा रोहिंग्या को जातीय समूह नहीं मानता और उसका मानना है कि वे बांग्लादेशी प्रवासी हैं जो अवैध रूप से देश में रह रहे हैं।

म्यांमा की सेना ने एक फरवरी को देश में तख्तापलट कर वहां की नेता आंग सान सू ची को हिरासत में ले लिया था। सैन्य तख्तापलट ऐसे वक्त में हुआ जब बांग्लादेश 11 लाख रोहिंग्या की सुरक्षित वापसी के लिए अभियान चला रहा था।

म्यांमा के रखाइन प्रांत से विस्थापित लोगों के मुद्दे पर तिरूमूर्ति ने कहा कि विस्थापित लोगों की वापसी के मुद्दे को सुलझाने में भारत का सबसे बड़ा हित है क्योंकि यह एकमात्र ऐसा देश है जिसकी बांग्लादेश और म्यांमा से लंबी सीमा लगती है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस मुद्दे पर संतुलित एवं सकारात्मक रूख अपनाने के लिए हम अपने सहयोगियों की लगातार काउंसलिंग कर रहे हैं। भारत लगातार संबंधित पक्षों को व्यावहारिक समाधान ढूंढने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।’’

उन्होंने रोहिंग्या के मुद्दे के जल्द समाधान की जरूरत पर बल दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘विस्थापित लोगों के म्यांमा के रखाइन प्रांत स्थित अपने घरों में सुरक्षित, जल्दी वापसी के लिए भारत, बांग्लादेश और म्यांमा की सरकारों के साथ काम करना जारी रखेगा।’’

दस लाख से अधिक विस्थापित लोगों को अपनी जमीन पर आश्रय देने के लिए बांग्लादेश की प्रशंसा करते हुए भारत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए जरूरी है कि वह मानवीय बोझ को समझे जिसका सामना बांग्लादेश को करना पड़ रहा है।

तिरूमूर्ति ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बांग्लादेश की सरकार का वित्तीय एवं अन्य तरीके से समर्थन करना चाहिए और शिविरों में कट्टरपंथ से जुड़े मुद्दे तथा अन्य सुरक्षा चुनौतियों का भी त्वरित समाधान करने में सहयोग करना चाहिए।’’

भाषा नीरज नीरज मनीषा

मनीषा

 

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