क्या संभाजी महाराज के नाम का इस्तेमाल करना अपराध है : राउत | Is it a crime to use sambhaji maharaj's name: Raut

क्या संभाजी महाराज के नाम का इस्तेमाल करना अपराध है : राउत

क्या संभाजी महाराज के नाम का इस्तेमाल करना अपराध है : राउत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:58 PM IST, Published Date : January 8, 2021/1:43 pm IST

मुम्बई, आठ जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के एक ट्वीट में औरंगाबाद का जिक्र संभाजीनगर के तौर पर किए जाने की कांग्रेस की आलोचना के कुछ दिन बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को सवाल किया कि क्या सरकारी दस्तावेजों में छत्रपति संभाजी महाराज के नाम का इस्तेमाल करना अपराध है।

राउत ने सीएमओ के ट्वीट में संभाजीनगर नाम के इस्तेमाल को ‘सही’ बताया।

शिवसेना पिछले कुछ दशकों से मांग कर रही है कि औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर रखा जाए। हालांकि, पार्टी अब कांग्रेस के साथ गठबंधन में सरकार चला रही है और कांग्रेस इसके विरोध में है। संभाजी, छत्रपति शिवाजी के बड़े बेटे थे।

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री एवं कांग्रेस की प्रदेश इकाई के प्रमुख बालासाहेब थोराट यह स्पष्ट कर चुके हैं कि उनकी पार्टी औरंगाबाद का नाम बदले जाने के कदम का कड़ा विरोध करेगी।

दो दिन पहले, महाराष्ट्र के सीएमओ ने मंत्रिमंडल के फैसले के बारे में एक ट्वीट में शहर का जिक्र संभाजीनगर के तौर पर किया था। हालांकि थोराट ने इस पर आपत्ति प्रकट करते हुए कहा था कि सूचना और प्रसार निदेशालय को खुद से नाम नहीं बदलना चाहिए और कहा था कि यह याद रखना चाहिए कि आधिकारिक काम एक कानूनी दस्तावेज होता है।

पत्रकारों ने जब राउत से इस बारे में पूछ तो, उन्होंने कहा सरकार मुख्यमंत्री के नाम पर चलती है।

उन्होंने कहा, ‘‘क्या सरकारी दस्तावेजों में छत्रपति संभाजी महाराज के नाम का इस्तेमाल करना अपराध है? यह लोगों की भावनाओं से जुड़ा है और सरकार लोगों की भावनाओं पर चलती है।’’

राउत ने कहा कि शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे द्वारा औरंगाबाद शहर को संभाजीनगर नाम दिया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसा ही रहेगा।’’

शहरों का नाम बदलना एमवीए सरकार के साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) के एजेंडे में शामिल नहीं होने के कांग्रेस के दावे पर सवाल किए जाने पर राउत ने कहा कि सीएमपी लोगों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए है।

उन्होंने कहा, ‘‘ सीएमपी यह नहीं कहता कि लोगों की बात नहीं सुनी जानी चाहिए।’’

मुगल काल में दक्कन प्रांत का मुख्यालय रहे औरंगाबाद का नाम मुगल शासक औरंगजेब के नाम पर रखा गया था।

शिवसेना सांसद ने कहा, ‘‘कांग्रेस सार्वजनिक तौर पर भले ही औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर किए जाने का विरोध कर रही हो लेकिन वह भी नाम बदलने के खिलाफ नहीं है…औरंगजेब धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति नहीं था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बिहार में भी औरंगाबाद जिला है और उसका नाम बदलने की भी मांग हो रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मांग को खारिज कर दिया लेकिन हमारे मुख्यमंत्री ने ऐसा नहीं किया। भाजपा को इस मुद्दे पर अपना रूख बताना चाहिए।’’

भाषा आशीष उमा

उमा

 

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