कश्मीर भयंकर शीतलहर की चपेट में, पारा शून्य से कई डिग्री नीचे गिरा | Kashmir reeling under severe cold wave, mercury drops below minus several degrees

कश्मीर भयंकर शीतलहर की चपेट में, पारा शून्य से कई डिग्री नीचे गिरा

कश्मीर भयंकर शीतलहर की चपेट में, पारा शून्य से कई डिग्री नीचे गिरा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:01 PM IST, Published Date : January 15, 2021/6:24 am IST

श्रीनगर, 15 जनवरी (भाषा) कश्मीर अभी भयंकर शीतलहर की चपेट में है, जबकि पूरी घाटी में पारा शुक्रवार को शून्य से कई डिग्री नीचे गिर गया, जिससे डल झील सहित कई जलाशयों में पानी जम गया।

मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 7.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो इस साल इस मौसम के सामान्य न्यूनतम तापमान से पांच डिग्री कम है।

शहर में बृहस्पतिवार को न्यूनतम तापमान शून्य से 8.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था, जो 1991 के बाद श्रीनगर में सबसे कम तापमान था।

श्रीनगर में 1995 में तापमान शून्य से 8.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था, जबकि 1991 में तापमान शून्य से 11.3 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया था।

श्रीनगर में अब तक का सबसे कम तापमान 1893 में शून्य से 14.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था।

घाटी के बाकी हिस्सों में भी ठंड बढ़ रही है।

पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 8.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि उसकी पिछली रात तापमान शून्य से 11.1 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा था।

गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।

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उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.7 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि कोकेरनाग में शून्य से 8.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।

भीषण ठंड के कारण डल झील में पानी जम गया और अधिकारियों ने बर्फ पर चलने के खिलाफ एक परामर्श जारी किया है।

एसडीआरएफ और पुलिस लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जमे हुए जलाशयों के आसपास गश्त कर रही है।

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आज सुबह शहर के कई हिस्सों में घना कोहरा भी छाया रहा।

न्यूनतम तापमान में गिरावट से जल आपूर्ति वाले पाइपों में पानी जमने लगा है। शहर में और घाटी के कई इलाकों में सड़कों पर बर्फ की मोटी परत बिछी हुई है, जिससे लागों को गाड़ी चलाने में मुश्किल हो रही है।

कश्मीर वर्तमान में 40 दिनों तक चलने वाली भयंकर ठंड वाली अवधि ‘चिल्लई कलां’ की चपेट में है।

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