तोक्यो, नौ जून (एपी) जापान और ऑस्ट्रेलिया ने क्षेत्रीय महासागरों में प्रभुत्व बढ़ाने की चीन की कार्रवाइयों पर बुधवार को अपनी चिंताओं को साझा किया और अस्थिरता पैदा करने वाले बर्ताव पर कड़ा विरोध जताया।
दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों ने ऑनलाइन बातचीत में अपने सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जताई। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में विवादित इलाकों पर चीन के बढ़ते दावों की पृष्ठभूमि में यह कदम उठाया जा रहा है।
जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सू मोतेगी ने ऑनलाइन बातचीत के बाद संवाददाताओं से कहा कि अधिकारियों ने पूर्वी और दक्षिण चीन सागरों में चीन की गतिविधि को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चुनौती मानते हुए इस संबंध में अपनी चिंताएं साझा कीं।
उनके साथ जापान के रक्षा मंत्री नोबुओ किशी तथा दोनों के ऑस्ट्रेलियाई समकक्षों मैरिस पायने एवं पीटर डटन ने बातचीत की।
जापान अपने नियंत्रण वाले सेनकाकू द्वीप के पास चीन के तटरक्षक की मौजूदगी को लेकर उससे नियमित विरोध दर्ज कराता है। चीन भी इस द्वीप पर दावा करता है और इसे दियाओयू कहता है। जापान के अधिकारियों के अनुसार चीन के पोत नियमित रूप से इस द्वीपसमूह के आसपास जापान के जलक्षेत्र का उल्लंघन करते हैं और कई बार मछली पकड़ने वाली नौकाओं को धमकाते हैं।
जापान और चीन में क्षेत्र में समुद्र के अंदर के संसाधनों के विकास को लेकर भी विवाद है।
जापान और ऑस्ट्रेलिया ने एक संयुक्त बयान में दक्षिण चीन सागर में हालिया नकारात्मक घटनाक्रम और गंभीर घटनाओं पर गंभीर चिंता जताई और कहा, ‘‘हम ऐसी किसी एकतरफा अस्थिरकारी या बलपूर्वक की गयी कार्रवाई पर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराते हैं। यह व्यवहार नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की अनदेखी करता है।’’
मोतेगी ने कहा, ‘‘हम चीन द्वारा यथास्थिति को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास पर कड़ा विरोध दर्ज कराते हैं।’’
उन्होंने कहा कि चारों मंत्रियों ने हांगकांग तथा पश्चिमी शिनझियांग क्षेत्र में चीन के मानवाधिकार दुरुपयोग को लेकर भी गंभीर चिंता प्रकट की जहां उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पंसख्यक निवास करते हैं।
बयान में चीन से संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त समेत स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को शिनझियांग आने देने में सुगमता प्रदान करने की मांग भी की गयी है।
चीन ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वह अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बीजिंग में एक दैनिक ब्रीफिंग में कहा, ‘‘चीन की दक्षिण चीन सागर के द्वीपों और आसपास के जलक्षेत्र में, दियाओयू द्वीप तथा उससे संबंधित टापुओं पर निर्विवाद संप्रभुता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शिनझियांग और हांगकांग से संबंधित मुद्दे चीन के आंतरिक विषय हैं जिनमें किसी देश को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के जापान तथा ऑस्ट्रेलिया के प्रयासों को चीन कड़ाई से खारिज करता है।’’
जापान और ऑस्ट्रेलिया रक्षा सहयोग समझौते के अंतिम स्तर पर हैं जिसके तहत जापानी आत्मरक्षा बल ऑस्ट्रेलियाई सैन्य परिसंपत्तियों की रक्षा करेंगे।
एपी वैभव पवनेश
पवनेश
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