नयी दिल्ली, 28 फरवरी (भाषा) ईरान के चाबहार बंदरगाह पर व्यापार बढ़ाने के लिए जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह (जेएनपीटी) तथा दीनदयाल बंदरगाह जहाज और कार्गो शुल्क में रियायत की पेशकश कर रहे हैं। बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
यह बंदरगाह ऊर्जा संसाधन में संपन्न ईंरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में बना है। बंदरगाह का विकास भारत, ईरान और अफगानिस्तान ने व्यापारिक संबंधों को मजबूती देने के लिए किया है।
चाबहार बंदरगाह फारस की खाड़ी के बाहर है और भारत के पश्चिमी तट से यहां पाकिस्तान से गुजरे बिना आसानी से पहुंचा जा सकता है।
मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘चाबहार के शाहिद बेहेस्ती बंदरगाह को प्रोत्साहन के लिए जेएनपीटी और दीनदयाल बंदरगाह चाबहार जाने वाले या वहां से आने वाले जहाजों को जहाज शुल्क और कार्गो शुल्क में छूट दे रहे हैं।’’
मंत्रालय ने कहा कि पिछले छह माह से ट्रांजिट कंटेनरों पर टर्मिनल हैंडलिंग शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।
मंत्रालय के एक दस्तावेज के अनुसार, ‘‘अब थोक कार्गो का प्रवाह स्थिर है। अफगानिस्तान से ट्रांजिट कार्गो भी सुधर रहा है। मात्रा बढ़ने की वजह से अब साप्ताहिक कंटेनर सेवा सुनिश्चित की गई है।’’
चाबहार बंदरगाह को लेकर मुख्य करार को लागू करने की चुनौतियों की वजह से भारत और ईरान ने छह मई, 2018 को औपचारिक रूप से छोट पट्टे का (अंररिम) करार किया था। इसके कार्यान्वयन के लिए एक विशेष ईरानी इकाई… इंडया पोर्ट्स ग्लोबल चाबहार फ्री जोन (आईपीजीसीएफजेड) का गठन किया गया था।
भाषा अजय अजय
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