मुंबई, आठ अक्टूबर (भाषा) पूंजी के संकट के दौर से गुजर रहे निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विलास बैंक को क्लिक्स कैपिटल की ओर से गैर- बाघ्यकारी विलय प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। बैंक ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
चेन्नई का लक्ष्मी विलास बैंक लंबे समय से निवेशक और पूंजी की तलाश में है। बैंक को एक बड़ा झटका तब लगा जब उसके शेयरधारकों ने 25 सितंबर को मतदान कर निदेशक मंडल से सात निदेशकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इसमें बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस. सुंदर और प्रवर्तक के. आर. प्रदीप एवं एन. साइप्रसाद शामिल हैं।
इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक के परिचालन के लिए तीन लोगों की टीम गठित की थी। केंद्रीय बैंक ने मीता माखन को चेयरपर्सन और शक्ति सिन्हा एवं सतीश कुमार कालरा को सदस्य बनाया था।
शेयर बाजार को दी जानकारी में बैंक के मुख्य वित्त अधिकारी के. हरिहरन ने कहा, ‘‘ बैंक को निजी इक्विटी कंपनी ऐऑन कैपिटल से वित्त पोषित एक गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी क्लिक्स समूह से गैर-बाध्यकारी विलय प्रस्ताव हासिल हुआ है। बैंक समूह का क्लिक्स कैपिटल सर्विसेस, क्लिक्स फाइनेंस और क्लिक्स हाउसिंग फाइनेंस के साथ विलय प्रक्रिया को लेकर विचार- विमर्श चल रहा है।’’
बैंक ने 15 सितंबर को क्लिक्स कैपिटल समूह के साथ शेयरों के सौदे में विलय पर सहमति जतायी थी।
भाषा शरद महाबीर
महाबीर
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