राष्ट्रीय रोजगार नीति को दिसंबर तक स्वरूप प्रदान कर सकता है श्रम मंत्रालय | Ministry of Labour to give shape to national employment policy by December

राष्ट्रीय रोजगार नीति को दिसंबर तक स्वरूप प्रदान कर सकता है श्रम मंत्रालय

राष्ट्रीय रोजगार नीति को दिसंबर तक स्वरूप प्रदान कर सकता है श्रम मंत्रालय

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:33 PM IST, Published Date : January 10, 2021/9:54 am IST

नयी दिल्ली, 10 जनवरी (भाषा) श्रम और रोजगार मंत्रालय इस साल दिसंबर तक राष्ट्रीय रोजगार नीति (एनईपी) को एक स्वरूप प्रदान कर सकता है। यह चार श्रम संहिताओं को लागू करने और प्रवासी कामगारों समेत चार प्रमुख सर्वेक्षणों को पूरा करने के बाद किये जाने की संभावना है।

एनईपी देश में नौकरी के अवसरों में सुधार के लिये मुख्य रूप से कौशल विकास जैसी विभिन्न पहलों, अधिक रोजगार वाले क्षेत्रों में निवेश लाकर और अन्य नीतिगत हस्तक्षेप के जरिये एक व्यापक रोड मैप तैयार करेगा।

पिछले साल संसद ने औद्योगिक संबंधों, सामाजिक सुरक्षा और व्यावसायिक स्वास्थ्य सुरक्षा एवं कार्य स्थितियों पर तीन श्रम संहिता पारित की थी।

परिश्रामिक (मजदूरी) पर संहिता को पिछले साल संसद द्वारा पारित कर दिया गया था और इसके नियम भी तैयार कर लिये गये हैं। हालांकि, इस संहिता के नियमों पर अमल को टाल दिया गया क्योंकि सरकार एक साथ चारों श्रम संहिताओं को लागू करना चाहती है। इन चारों संहिताओं को इस साल एक साथ एक अप्रैल से लागू किये जाने की संभावना है।

इन चार श्रम संहिताओं को एक साथ लागू करने से सामाजिक सुरक्षा व देश के 50 करोड़ से अधिक कामगारों को सामाजिक सुरक्षा के लिये अनुकूल वैधानिक ढांचा उपलब्ध होगा। हालांकि रोजगार सृजन के लिये एक व्यापक एनईपी की जरूरत है, ताकि अर्थव्यवस्था के विभिन्न खंडों की हर श्रेणियों की संभावनाओं का भरपूर दोहन किया जा सके। इसके लिये देश भर के विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के ताजा आंकड़ों की जरूरत होगी। इस कमी को श्रम मंत्रालय की इकाई श्रम ब्यूरो द्वारा किये जाने वाले चार अहम सर्वेक्षणों के माध्यम से दूर किया जायेगा।

श्रम ब्यूरो के महानिदेशक डीएस नेगी ने पीटीआई-भाषा से बात करते हुए कहा कि ब्यूरो ने इस दिशा में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और मार्च तक चार सर्वेक्षणों का काम शुरू कर दिया जायेगा। नतीजे इस साल अक्टूबर अंत तक सामने आ जाएंगे।

उन्होंने कहा कि एनईपी इस साल दिसंबर तक इन चार सर्वेक्षणों के डेटा इनपुट के आधार पर एक आकार लेगा। इसके बाद, एनईपी को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिये भेजा जायेगा।

इस दस्तावेज से देश में रोजगार सृजन में काफी हद तक मदद मिलने की उम्मीद है, खासकर तब जब सरकार महामारी के चलते नौकरी के नुकसान के मुद्दे से जूझ रही है।

भाषा सुमन महाबीर

महाबीर

 

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