मुंबई, सात जून (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही गैर बैंकिंग वित्तीय सेवा कंपनी डीएचएफएल के लिए सोमवार को कुछ शर्तों के साथपीरामल समूह की बोली को अपनी मंजूरी दी।
न्यायाधिकरण की एच पी चतुर्वेदी और रविकुमार दुरईसामी की अध्यक्षता वाली मुंबई पीठ ने कहा कि यह मंजूरी कपिल वधावन मामले में राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के अंतिम निर्णय और मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के अधीन है।
एनसीएलटी ने अपने आदेश में डीएचएफएल (दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड) के वित्तीय ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) द्वारा स्वीकृत समाधान योजना के तहत दिवालिया कंपनी के छोटे सावधि जमाकर्ताओं को अधिक धनराशि देने पर विचार करने को कहा।
न्यायाधिकरण ने कहा, ‘‘हम योजना को वापस सीओसी के पास नहीं भेज रहे हैं, हम उनके व्यावसायिक ज्ञान का सम्मान करते हैं।’’
एनसीएलटी ने डीएचएफएल के पूर्व प्रवर्तक कपिल वधावन द्वारा समाधान योजना की एक प्रति हासिल करने की याचिका को भी खारिज कर दिया।
इससे पहले एनसीएलएटी ने 25 मई को एनसीएलटी के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें डीएचएफएल के ऋणदाताओं से वधावन के प्रस्ताव पर विचार करने को कहा गया था।
अपीलीय न्यायाधिकरण ने यह भी स्पष्ट किया था कि सीओसी द्वारा चुनी गई समाधान योजना को मंजूरी देने के संबंध में उसका आदेश एनसीएलटी के आड़े नहीं आएगा।
भाषा पाण्डेय मनोहर
मनोहर
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