नयी दिल्ली, आठ जून (भाषा) ओलंपिक की तैयारियों को सुचारू रूप जारी रखने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएई) ने अपने कोचों से कहा हैं कि वे खेलों से पहले मीडिया से किसी भी तरह की बातचीत से करते समय अपने विवेक और ‘उचित माध्यम’ का इस्तेमाल करें।
एनआरएआई के एक सूत्र ने मंगलवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि इस मामले में ‘उचित माध्यम’ का मतलब महासंघ के मीडिया विभाग को संपर्क बिंदु के रूप में इस्तेमाल करना है। यह फरमान मुख्य रूप से पिस्टल कोचों के लिए है और सीधे अध्यक्ष रनिंदर सिंह के कार्यालय से आया है।
सूत्र ने बताया, ‘‘ महासंघ खास कर के अध्यक्ष ने निर्धारित किया है कि निशानेबाजों पर तोक्यो ओलंपिक से पहले किसी भी तरह का गलत प्रभाव नहीं पड़ना चाहिये। उन्हें उम्मीद है कि किसी विशेष कोच द्वारा निशानेबाज या उसकी तैयारियों से जुड़ी किसी और बात को लेकर मीडिया में कुछ कहने से कोई भ्रम नहीं होगा।’’
ओलंपिक के लिए जाने वाली भारतीय निशानेबाजी टीम इस समय अभ्यास-सह-प्रतियोगिता दौरे पर क्रोएशिया में है। टीम यहां से सीधे तोक्यो के लिए उड़ान भरेगी।
सूत्र ने कहा, ‘‘ एक रिपोर्ट थी कि जगरेब में बायो-बबल (जैव-सुरक्षित माहौल) में निशानेबाजों ने एक विज्ञापन शूट किया था, लेकिन तथ्य यह है कि क्रोएशिया में पृथकवास पूरा करने के बाद कोई बायो-बबल है ही नहीं। वहां स्थिति भारत से काफी अलग है। पृथकवास के बाद कोविड-19 को लेकर कोई खास प्रतिबंध नहीं हैं।’’
भारतीय निशानेबाजों ने रियो ओलंपिक (2016) से पहले काफी उम्मीदें थी लेकिन कोई भी पदक हासिल करने में नाकाम रहा। एनआरएआई तोक्यो ओलंपिक में इसे दोहराने से बचने के लिए प्रतिबद्ध है।
तोक्यो में 23 जुलाई से आठ अगस्त तक होने वाले ओलंपिक में भारत के रिकार्ड 15 निशानेबाजों ने क्वालीफिकेशन हासिल किये हैं।
भाषा आनन्द पंत
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