आदिवासी-गैर आदिवासी की खाई को पाटने की जरूरत : मिश्र | Need to bridge tribal-non-tribal gap: Mishra

आदिवासी-गैर आदिवासी की खाई को पाटने की जरूरत : मिश्र

आदिवासी-गैर आदिवासी की खाई को पाटने की जरूरत : मिश्र

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:05 PM IST, Published Date : February 26, 2021/12:18 pm IST

जयपुर, 26 फरवरी (भाषा) राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि आदिवासी और गैर आदिवासी के बीच पनपी भेद की खाई को मिलकर पाटने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि इसके लिए आदिवासी समाज को उनकी भाषा, संस्कृति, परम्पराओं और विशिष्टताओं को बचाए रखते हुए विकास की मुख्य धारा में जोड़ना होगा।

मिश्र शुक्रवार को उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ‘वागड़ अंचल का लोक साहित्य एवं संस्कृति’ विषय पर अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन एवं विश्वविद्यालय परिसर के छह भवनों के ऑनलाइन शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की अपनी अलग सांस्कृतिक पहचान है, जिसे सहेजा जाना बहुत जरूरी है। उन्होंने सुझाव दिया कि आदिवासी क्षेत्र के युवाओं के माध्यम से इस समुदाय के रीति-रिवाज, उत्सव, परम्पराओं, लोक कथाओं और लोकगीतों सहित उपलब्ध ज्ञान को एकत्रित कर इसका डिजिटलीकरण किया जाना चाहिए ताकि भावी पीढ़़ी भी इससे रूबरू हो सके।

राज्य विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों का प्राकृतिक ज्ञान उनकी अनूठी विरासत है और प्रकृति से इस निकटता के कारण ही इन क्षेत्रों के निवासियों पर कोरोना महामारी का प्रभाव भी अपेक्षाकृत कम देखने को मिला।

भाषा कुंज पृथ्वी देवेंद्र

देवेंद्र

 

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