किसी भी भारतीय को देश के किसी भी हिस्से में बाहरी नहीं बताया जा सकता : धनखड़ | No Indian can be described as outsiders in any part of the country: Dhanhar

किसी भी भारतीय को देश के किसी भी हिस्से में बाहरी नहीं बताया जा सकता : धनखड़

किसी भी भारतीय को देश के किसी भी हिस्से में बाहरी नहीं बताया जा सकता : धनखड़

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:59 PM IST, Published Date : January 6, 2021/11:44 am IST

कोलकाता, छह जनवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि किसी भी भारतीय को देश के किसी भी हिस्से में ‘‘असंवैधानिक’’ तौर पर बाहरी नहीं बताया जा सकता।

पूर्वी मेदिनीपुर जिले में अपने दौरे के दौरान कोलाघाट में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा वह यह सुनिश्चित करने के लिए ‘‘हरसंभव’’ प्रयास करेंगे कि राज्य विधानसभा का आगामी चुनाव निष्पक्ष और परदर्शी तरीके से हो।

तृणमूल कांग्रेस द्वारा ‘बंगाली और बाहरी’ मुद्दा उठाए जाने को लेकर पूछे गए एक सवाल पर धनखड़ ने कहा, ‘‘इस देश के नागरिक को भारत के किसी भी भाग में बाहरी नहीं कहा जा सकता। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल में कुछ लोग दूसरे राज्यों से आने वालों को बाहरी बताते हैं। यह संविधान की भावना के खिलाफ है।’’

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल ने आरोप लगया है कि भाजपा विधानसभा चुनाव जीतने के लिए राज्य में ‘बाहरी’ लोगों को ला रही है।

धनखड़ ने हर किसी से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि आगामी चुनाव में हिंसा ना हो। उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरा कर्तव्य है। हम सबका कर्तव्य यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव के दौरान हिंसा ना हो। निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव होना चाहिए।’’

उन्होंने लोकसेवकों से भी तटस्थ रहने को कहा। धनखड़ ने कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों को राजनीतिक कार्यकर्ताओं वाला काम नहीं करना चाहिए।

अविभाजित मेदिनीपुर जिले के स्वतंत्रता सेनानियों की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमें लोकतंत्र को बचाना है। खुदीराम बोस और मातंगिनी हाजरा को याद कीजिए। फैसला निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव का है। लोक सेवकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए।’’

धनखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए 2,000 करोड़ रुपये के उपकरणों की खरीद का ब्योरा देना चाहिए।

राज्यपाल ने पूर्वी मेदिनीपुर के जिला मुख्यालय तामलुक का दौरा किया और मातंगिनी हाजरा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने खुदीराम बोस और अन्य क्रांतिकारियों को भी श्रद्धांजलि दी।

भाषा आशीष माधव

माधव

 

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