केंद्रपाड़ा (ओडिशा), एक मार्च (भाषा) ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले के गहिरमाथा समुद्र तट पर भूक्षरण के बावजूद वन्यजीव अधिकारी इस बात को लेकर आशावान हैं कि एक पखवाड़े के भीतर लाखों ओलिव रिडले मादा कछुए यहां आकर बड़ी संख्या में अंडे देंगे।
राजनगर मैनग्रोव (वन्यजीव) वन प्रभाग के वन मंडल अधिकारी विकास चंद्र दास ने सोमवार को कहा कि नासी-II द्वीप में भू क्षरण के बावजूद बड़ी संख्या में मादा कछुओं के अड्डे देने के लिए मार्च के दूसरे सप्ताह तक आने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, ‘‘समुद्री जल के कारण आई बाढ़ की वजह से 2.6 किलोमीटर लंबा समुद्र तट बंट गया है। इसके बावजूद, इस समुद्र तट का आकार कछुओं के लिए गड्ढा खोदने और अंडे देने के अनुकूल है।’’
दास ने कहा कि मजबूत दक्षिणी हवाएं और 32 से 38 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान कछुओं के अंडा देने के लिए अनुकूल होता है। गहरे सागर में कछुओं की बड़ी संख्या इसका इंतजार कर रही है।
अधिकारी ने बताया कि अंडे देने के बाद मां कछुआ समुद्र लौट जाती हैं और 45 से 60 दिन के बाद इन अंडों से कछुए निकलते हैं। लाखों ओलिव रिडले मादा कछुए प्रजनन के लिए हर साल ओडिशा के तट पर आते हैं।
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सिम्मी अनूप
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