सत्र में एक दिन का प्रश्नकाल होगा पहली बार निर्वाचित विधायकों के नाम : विधानसभा अध्यक्ष | One day question hour in session to be named after elected MLAs for the first time: Assembly Speaker

सत्र में एक दिन का प्रश्नकाल होगा पहली बार निर्वाचित विधायकों के नाम : विधानसभा अध्यक्ष

सत्र में एक दिन का प्रश्नकाल होगा पहली बार निर्वाचित विधायकों के नाम : विधानसभा अध्यक्ष

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:47 PM IST, Published Date : March 5, 2021/1:05 pm IST

भोपाल, पांच मार्च (भाषा) मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने शुक्रवार को बताया कि विधानसभा के प्रत्येक सत्र में एक दिन के प्रश्नकाल में सभी 25 तारांकित प्रश्नों को पूछने का अधिकार पहली बार निर्वाचित विधायकों को देने का निर्णय लिया गया है। इस नई परंपरा के तहत बजट सत्र में 15 मार्च को प्रश्नकाल में सिर्फ नए विधायक ही प्रश्न पूछ सकेंगे।

गौतम ने विधानसभा स्थित अपने कक्ष में संवाददाताओं को बताया, ‘‘15 मार्च को प्रश्नकाल के दौरान सभी 25 तारांकित (जिन पर सदन में चर्चा होती है) प्रश्न पहली बार चुने गये विधायकों के हिस्से में होंगे।’’

उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से नए विधायकों को सरकार से सवाल-जवाब का मौका मिलेगा। इस दौरान वरिष्ठ विधायकों को प्रति प्रश्न करने की अनुमति भी नहीं होगी। इससे नये विधायकों में सदन में अपनी बात रखने के लिए आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे सदन की कार्यवाही के बारे में सीखेंगे भी।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक सत्र में एक दिन ऐसा होगा।’’

विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि प्रश्नोत्तरी में तारांकित प्रश्नों की हमारी सीमा 25 की है। एक दिन में अक्सर 10 से ज्यादा प्रश्न होते नहीं हैं। इसमें भी कई बार ऐसा होता है कि अनुपूरक प्रश्नों के कारण अन्य लोगों को मौका नहीं मिल पाता है।

नवाचार के लिए जाने जाने वाले गौतम ने कहा कि यदि किसी नये विधायक का प्रश्न लगा हुआ है तो ‘‘मैं बार-बार वरिष्ठ विधायकों को टोकता हूं कि उसे बिना मदद के बोलने दें। उसे मदद करने की आवश्यकता नहीं है। जब वह खुद बोलेगा तभी तो सीखेगा।’’

उन्होंने कहा कि इससे भी काम नहीं चल रहा है। कई बार लॉटरी में नये विधायकों का नंबर ही नहीं आता।

गौतम ने कहा, ‘‘इसलिए हमने यह तय किया है कि एक दिन पूरा प्रश्नकाल, सभी 25 सवाल पहली बार चुन कर आये हुए विधायकों के होंगे।’’

उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल में उठाने के लिए एक दिन में 150 से 200 विधायकों के प्रश्न आते हैं, जिनमें से लॉटरी से सवालों को चुना जाता है।

गौतम ने बताया, ‘‘इसलिए मैंने कहा कि सत्र में एक दिन वरिष्ठ विधायकों के प्रश्न छांट कर अलग कर दो और पहली बार के विधायकों के प्रश्नों में से ही लॉटरी से 25 विधायकों के प्रश्न तारांकित के लिए निकालेंगे। मैं इस महीने 15 तारीख को कर रहा हूं। पूरे सत्र में एक दिन होगा। ट्रायल कर रहा हूं।’’ उन्होंने कहा कि विधायकों को सदन में संरक्षण देना अध्यक्ष की नैतिक जिम्मेदारी है।

मालूम हो कि सत्र की प्रत्येक बैठक के दिन प्रश्नकाल के लिए एक घंटे का समय निर्धारित है।

जब उनसे सवाल किया गया कि लोकसभा एवं राज्यसभा के अलावा कई राज्यों में विधानसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण होता है, लेकिन मध्यप्रदेश में ऐसा नहीं क्यों नहीं रहा है, तो इस पर गौतम ने कहा कि हम इसपर प्रयास कर रहे हैं।

भाषा रावत अर्पणा

अर्पणा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)